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Sikkim Flood: सिक्किम के उत्तरी क्षेत्र में सेना ने तेज किया बचाव कार्य, फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकाला

Sikkim Flood Rescue सिक्किम में 4 अक्टूबर को ल्होनक झील में बादल फटने से तबाही आ गई। बादल फटने के कारण तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई। फ्लैश फ्लड के कारण चुंगथांग घाटी तबाह हो गई और चार जिलों के नदी के क्षेत्र में बाढ़ आ गई जिसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों से आए लगभग 3000 पर्यटक उत्तरी सिक्किम के शहरों में फंस गए।

By AgencyEdited By: Babli KumariPublished: Tue, 10 Oct 2023 02:03 PM (IST)Updated: Tue, 10 Oct 2023 02:03 PM (IST)
उत्तरी सिक्किम के लाचेन और लाचुंग में फंसे पर्यटकों के लिए चलाया जा रहा बचाव कार्य (फाइल फोटो)

पीटीआई, गंगटोक। उत्तरी सिक्किम के लाचेन और लाचुंग में फंसे पर्यटकों को निकालने का काम सशस्त्र बलों ने मंगलवार को दूसरे दिन मौसम साफ रहने के साथ फिर से शुरू कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।अधिकारियों ने कहा कि हेलीकॉप्टर सबसे ज्यादा प्रभावित मंगन जिले के लाचुंग और लाचेन कस्बों में फंसे पर्यटकों को हवाई मार्ग से निकालने के लिए और उड़ानें भरेंगे।

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लाचुंग और लाचेन से लगभग 95 फंसे हुए लोगों को हेलिकॉप्टर से लाया गया। लाचुंग के पहले समूह में 17 पर्यटक और लाचुंग गांव के दो स्थानीय लोग शामिल थे। हेलिकॉप्टरों ने सुबह क्षेत्र के लिए दो उड़ानें भरीं। लाचुंग से लोगों को गंगटोक के पास पाकयोंग हवाई अड्डे पर लाया जा रहा था। दो बच्चों सहित 76 फंसे हुए लोगों के पहले बैच को तीन उड़ानों में हेलीकॉप्टरों द्वारा लाचेन से निकाला गया था। उन्हें मंगन के रिंगिम हेलीपैड में लाया गया। 

मंगन के जिला मजिस्ट्रेट हेम कुमार छेत्री ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने वर्तमान में तीन हेलीकॉप्टरों को कार्रवाई में लगाया है, जिनमें से दो हेलीकॉप्टर लाचेन और एक लाचुंग के लिए उड़ान भर रहे हैं। छेत्री ने कहा कि फिलहाल पर्यटकों और बीमार लोगों को निकालना जिला प्रशासन की पहली प्राथमिकता है।

अब तक 700 से अधिक लोगों को बचाया गया

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटकों को सिलीगुड़ी और गंगटोक की यात्रा में मदद के लिए एसएनटी बसों की व्यवस्था की है। वहीं सोमवार को लाचेन और लाचुंग से 360 से अधिक पर्यटकों को निकाला गया।

डीएम ने कहा कि अब तक कुल 700 से अधिक लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला गया है और सुरक्षित लाया गया है, इन लोगों में पर्यटक, स्थानीय लोग और मजदूर शामिल हैं जो चुंगथांग जैसे क्षेत्रों में फंस गए थे जहां निकासी के लिए आपातकालीन स्थिति के लिए एक बेली ब्रिज बनाया गया था।

लाचुंग में बीएसएनएल टेलीफोन की लाइनें हुई बहाल

डीएम ने यह भी कहा कि बचाव और पुनर्वास टीमें पहले ही प्रभावित इलाकों में पहुंच चुकी हैं और जमीनी स्तर पर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लाचुंग में बीएसएनएल टेलीफोन लाइनें बहाल कर दी गई हैं और आज शाम तक लाचेन और चुंगथांग में भी टेलीफोन कनेक्टिविटी बहाल कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि चुंगथांग, लाचेन और लाचुंग में भी बिजली आज शाम तक बहाल कर दी जाएगी।

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