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CAA protests: नागरिकता कानून के विरोध में देश भर के कई शहरों में बवाल, जानिए कहां कैसी है स्थिति

Anti CAA protests सरकार के तमाम स्पष्टीकरणों के बावजूद हिंसक प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। गुरुवार को कई शहरों में धारा 144 लागू होने के बावजूद लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर हिंसक तांडव करते रहे।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 07:47 PM (IST)Updated: Fri, 20 Dec 2019 07:33 AM (IST)
CAA protests: नागरिकता कानून के विरोध में देश भर के कई शहरों में बवाल, जानिए कहां कैसी है स्थिति

नई दिल्ली, एजेंसी। देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में गुरुवार को कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए। हिंसक प्रदर्शन के दौरान तीन की मौत हो गई। एक की उत्तर प्रदेश और दो की कर्नाटक के मंगलुरु में मौत हुई है। उत्तर प्रदेश में माहौल काफी गर्मा गया। यहां विरोध के नाम पर तोड़फोड़ व आगजनी की घटनाएं हुई जिसमें कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित 70 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायलों में प्रदर्शनकारी भी शामिल हैं। यूपी सरकार ने हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद शनिवार दोपहर तक लखनऊ जिले में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया है। वहीं, मेरठ, अलीगढ़ और गाजियाबाद में शुक्रवार तक इंटरनेट की सेवाएं बंद रहेंगी। प्रयागराज में शुक्रवार सुबह 10 बजे तक इंटरनेट की सेवाएं बंद रहेगी। दिल्ली, बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश और राजस्थान में लोग सड़कों पर तो दिखे लेकिन बड़ी हिंसक घटनाएं नहीं हुई। 

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उप्र में उपद्रवियों ने सरकारी संपत्तियों को बनाया निशाना उप्र में समाजवादी पार्टी के आह्वान पर बुलाया गया विरोध प्रदर्शन दोपहर होते ही आगजनी, तोड़फोड़, पथराव और फायरिंग में तब्दील हो गया। उपद्रवियों ने दर्जनों सरकारी और निजी वाहनों में आग लगाने के साथ ही दो पुलिस चौकी फूंक दी। हिंसा में हुसैनाबाद इलाके में एक शख्स की मौत हुई है, जबकि दो युवक गोली लगने से घायल हो गए। मीडिया की ओबी वैन भी निशाना बनीं। पथराव में एडीजी, आइजी, एसपी ट्रैफिक सहित 70 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात बेकाबू होता देख मेट्रो और परिवहन निगम की बसों को अगले आदेश तक रोक दिया गया है। शहर में कर्फ्यू  जैसे हालात हैं। बाजार सहित तमाम सरकारी और निजी कार्यालय समय से पहले बंद करा दिए गए। विवि की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। वहीं संभल में उग्र प्रदर्शनकारियों ने कई जगह जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने लाठीचार्ज कर लोगों को तितर-बितर किया। रामपुर में सांसद आजम खां व अन्य सपाइयों ने विरोध प्रदर्शन किया। पूर्वाचल के वाराणसी, मऊ, भदोही और प्रयागराज में सैकड़ों सपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।

दिल्ली : 20 रेलवे स्टेशन बंद 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एहतियातन मेट्रो रेल के 20 स्टेशन बंद कर दिए गए। बाद में स्थिति सामान्य होने पर खोल दिया गया। इस दौरान विभिन्न इलाकों में मोबाइल इंटरनेट व एसएमएस सेवा भी बंद कर दी गई। निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर प्रदर्शन करने पहुंचने सैकड़ों छात्रों, कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। इनमें सीताराम येचुरी, डी. राजा, नीलोत्पल बसु, बृंदा करात, अजय माकन, संदीप दीक्षित तथा योगेंद्र यादव शामिल हैं।

कानून के समर्थन में शरणार्थियों का प्रदर्शन 

राजघाट पर बड़ी संख्या में हिंदू शरणार्थियों ने नए कानून के समर्थन में प्रदर्शन किया। ये शरणार्थी बच्चों के साथ राजघाट पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समर्थन में नारेबाजी की।

अन्य राज्यों में कहां क्या हालात

जानें- अन्य राज्यों की स्थिति

गुजरात : अहमदाबाद में 200 लोग जुटे

अहमदाबाद के सरदार बाग में भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) तथा राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए करीब 200 लोग जुटे। प्रदर्शन की अनुमति नहीं होने से पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया तथा 20 लोगों को हिरासत में ले लिया। विरोध प्रदर्शन का आह्वान वामपंथी दलों तथा उनसे जुड़े संगठनों ने किया था।

बिहार : रेल यातायात बाधित की

बिहार में वामपंथी छात्र संगठनों ने राजेंद्र नगर टर्मिनस पर सुबह ही रेल यातायात बाधित की। वहीं, पप्पू यादव के नेतृत्व वाली जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह सड़कों पर टायर जलाए। जहानाबाद में भाकपा (माले) ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया।

महाराष्ट्र : विरोध प्रदर्शन से शिवसेना का किनारा

कांग्रेस, राकांपा तथा अन्य दलों ने 'हम भारत के लोग' नामक एक मोर्चा बनाकर मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि इसमें शिवसेना शामिल नहीं हुई। पुणे और नागपुर में भी इसी प्रकार के प्रदर्शन हुए।

कर्नाटक : गुहा समेत 300 हिरासत में

भाकपा ने बेंगलुर, हुब्बाल्ली, कलबुर्गी, हासन, मैसुर तथा बल्लारी समेत कई अन्य जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बेंगलुर में प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा समेत करीब 300 लोगों को निषेधाज्ञा उल्लंघन के आरोप में एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया। मेंगलुर में भी पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को भेंट किए गुलाब

हिंसक और अराजक प्रदर्शन के बीच राष्ट्रीय राजधानी में जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारियों की 'गांधीगीरी' भी दिखी। उन्होंने वहां तैनात पुलिस कर्मियों को यह कहते हुए गुलाब के फूल भेंट किए कि आप जितना चाहो लाठी चलाओ लेकिन हमारा संदेश 'नफरत के बदले प्यार' ही है। प्रदर्शन में शामिल कुछ वकील वहां हिरासत में लिए जा रहे लोगों को कानूनी मदद करते भी देखे गए।


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