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उम्र को मात दे कार से पूरी की 30 देशों की यात्रा, पूरा किया एक अधूरा ख्वाब

70 वर्षीय अमरजीत सिंह ने अपने दो दोस्तों संग 131 दिन में कार से 30 देशों की यात्रा पूरी की और लंदन पहुंचे। राह में कई चुनौतियां भी आई, जिनका उन्होंने डटकर सामना किया।

By Amit SinghEdited By: Published: Sun, 23 Dec 2018 03:55 PM (IST)Updated: Sun, 23 Dec 2018 03:55 PM (IST)
उम्र को मात दे कार से पूरी की 30 देशों की यात्रा, पूरा किया एक अधूरा ख्वाब
उम्र को मात दे कार से पूरी की 30 देशों की यात्रा, पूरा किया एक अधूरा ख्वाब

अमृतसर [नितिन धीमान]। जिस उम्र में लोग रिटायर होकर घर पर टीवी या पेपर के सामने बैठकर आराम से जिंदगी बिताने की सोचते हैं, उस आयु में अमृतसर के एक शख्स ने कार से लंदन पहुंचने का कीर्तिमान स्थापित किया है। उनके इस कारनामे पर लोग खासे चकित हैं। वहीं इस उपलब्धि को हासिल करने वाले शख्स ने बताया कि ये उनका बचपन का सपना था। बचपन में जब वह घरवालों से कहते थे तो वह उनके इस सपने को बच्चों की बात समझ मजाक में उड़ा देते थे। किसी को नहीं पता था कि एक दिन वास्तव में वह कार से लंदन पहुंच जाएंगे।

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कार से सात समंदर पाने जाने का कीर्तिमान बनाने वाले अमरजीत सिंह की आयु 70 वर्ष है। वह अमृतसर के रानी का बाग के रहने वाले हैं और दिल्ली के पटेल नगर में कपड़ों का कारोबार करते हैं। वह बताते हैं कि मैं जब छोटा था। विदेशियों को कार व मोटर बाइक पर सवार होकर अमृतसर व दिल्ली आते देखता था। उन्हें देखकर मैं बहुत रोमांचित हो जाता था। मैं सोचता था कि एक दिन मैं भी कार पर सवार होकर विदेश जाऊंगा। तब परिवार के सदस्य यह सोचकर कुछ नहीं कहते थे कि अभी छोटा है, पर बड़ी-बड़ी बातें करता है। मुझे खुद भी मालूम नहीं था कि एक दिन मैं अपना यह सपना साकार करूंगा। आखिरकार 70 साल की आयु में मैंने इस ख्वाब को हकीकत में बदल दिया।

पूरी यात्रा में अकेले चलाई कार
अमरजीत बताते हैं कि मैंने अपने दोस्तों देव वर्मा और लुकमान मलिक के साथ सलाह कर दिल्ली से लंदन की जर्नी कार से तय करने की रूपरेखा तैयार की थी। दोनों दोस्त साथ चलने को सहमत हो गए। इसी वर्ष 7 जुलाई को मैंने अपनी फॉच्र्यूनर कार (DL 1 CQ 2614) निकाली और दिल्ली स्थित बंगला साहिब गुरुद्वारा में माथा टेककर अपना सपना पूरा करने निकल गया। 30 देशों की यात्रा पूरी कर 18 दिसंबर को हम लंदन पहुंचे। खास बात ये है कि इतने लंबे सफर में मैंने अकेले ही कार ड्राइव की।

टेलीफिल्म के जरिए साझा करेंगे यात्रा का अनुभव
अमरजीत बताते हैं कि उन्होंने इस रोमांचक अनुभव को यादगार बनाने के लिए रास्ते में विभिन्न लोकेशन की वीडियोग्राफी भी की है। इस यात्रा का वृतांत वह एक टेलीफिल्म के जरिए देश के सम्मुख रखेंगे, ताकि लोगों को मालूम हो कि एक 70 साल का शख्स भी अपने अरमानों को पूरा करने का जज्बा रखता है। बुढ़ापा कोई कमजोरी नहीं बल्कि आपके बड़े अरमानों को पूरा करने का एक समय होता है, जब आप अपनी घर-परिवार समेत अन्य जिम्मेदारियों से मुक्त हो चुके होते हैं या अपने लिए भी कुछ समय निकाल सकते हैं।

34 हजार किमी का सफर
अमरजीत ने सात देशों का वीजा लेकर यह यात्रा पूरी की है। यात्रा के दौरान वह नेपाल, तिब्बत, चाइना, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, रशिया, यूरोप, लेटफिया, लतफेनिया, इंग्लैंड, स्वीडन, नार्वे, डेनमार्क, जर्मनी, नीदरलैंड, चेक रिपब्लिक, हंगरी, पोलैंड, सलवेनिया, सलोवाकिया, ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, इटली, स्पेन, फ्रांस, बेल्जियम सहित कई देशों से गुजरे। लंदन पहुंचने के लिए उन्होंने कुल 34 हजार किलोमीटर का सफर तय किया। इसमें उन्हें 131 दिन लगे।

हिंदू-सिख और ईसाई की जर्नी
अमरजीत सिंह चावला, सिख हैं। उनकी यह जर्नी सामाजिक सौहार्द व सभी धर्मों के बीच परस्पर प्रेम का सूचक भी है। उनके साथी लुकमान मलिक राजस्थान के हनुमानगढ़ से ताल्लुक रखते हैं और मुसलमान हैं। वहीं देव वर्मा जम्मू निवासी हैं और हिंदू परिवार से संबंधित हैं। अमरजीत सिंह चावला एक फिल्म प्रोडक्शन हाउस भी चलाते हैं। लुकमान व देव वर्मा उनके साथ काम करते हैं। वहीं देव वर्मा असिस्टेंट फिल्म डायरेक्टर हैं। उन्होंने तनु वेड मनु फिल्म में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया है। रास्ते में आने वाले सभी धार्मिक स्थलों पर ये नतमस्तक हुए।

सफर के दौरान आयीं कई चुनौतियां
अमरजीत सिंह ने बताया कि उन लोगों ने 4 सितंबर 2018 तक 17 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली थी। खुद ड्राइव करने वाले अमरजीत सिंह की तबियत एस्टोनिया में अचानक बिगड़ गई। शरीर का एक हिस्सा सुन्न हो गया। ऐसा लगा उन्हें लकवा होने वाला है। वहीं ब्रेन क्लाट के लक्षण भी उभर रहे थे। मैं अपने साथियों के साथ वहां से लौटा आया। अपनी कार वहीं पार्क कर दी। भारत में ट्रीटमेंट करवाने के बाद जब मुझे फिटनेस की क्लीन चिट मिली तो मैं फिर से एस्टोनिया पहुंचा और आगे का सफर शुरू किया।

चाइना में रह गए भूखे
अमरजीत चावला शाकाहारी हैं। चाइना में हर चीज नॉन वेजीटेरियन मिलती हैं। यहां तक कि दूध व मक्खन भी यार्क का। इस दूध में अजीब सी गंध आती है। अमरजीत के अनुसार उन्होंने चाइना में खाना नहीं खाया। बड़ी मुश्किल से भूख को नियंत्रित किए रहे। चाइना से निकलने के बाद एक शाकाहारी रेस्टोरेंट में भरपेट खाना खाया।

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