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    Romance Scams: 'प्‍यार' में लूट लिए जाएंगे 80 लाख से ज्यादा लोग, निशाने पर 25 से कम उम्र के युवा; जानें कैसे बचें

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 05:33 PM (IST)

    ऑनलाइन डेटिंग युवाओं के लिए पार्टनर खोजने का आसान माध्यम बन चुका है लेकिन एआई आधारित डीपफेक तकनीक इसे बड़ा खतरा बना रही है। यह स्कैम कमज़ोर कानून वाले देशों से संचालित हो रहा है। McAfee और FBI की रिपोर्टों के मुताबिक 2025 तक 80 लाख लोग रोमांस स्कैम का शिकार हो सकते हैं। भारत में हर दिन कितने लोग हो रहे साइबर ठगी क शिकार?

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    dating apps scam: ऑनलाइन डेटिंग में AI स्कैम से बचें।

    डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। छोटे शहरों से लेकर महानगरों में रह रहे युवाओं के लिए ऑनलाइन डेटिंग ने पार्टनर की तलाश को आसान बनाया है, लेकिन एआई आधारित डीपफेक तकनीक के चलते यह एक खतरनाक रोमांस स्कैम में बदल गया है। रोमांस स्कैम के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है।

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    ब्रिटिश सरकार की एक रिपोर्ट की मानें तो दावा किया गया है कि साल 2025 में डीपफेक वीडियो को जरिया बनाकर 80 लाख से ज्‍यादा प्‍यार-मोहब्‍बत में ठगे जाएंगे। यह आंकड़ा 2023 के 5 लाख केस की तुलना में 16 गुना ज्यादा है।

    दुनिया भर में युवाओं में मनपसंद पार्टनर चुनने के लिए ऑनलाइन डेटिंग का चलन तेजी से बढ़ा है। इसके साथ ही रोमांस स्‍कैम के मामले भी बढ़ गए हैं। साइबर फर्म McAfee की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल दुनिया भर में होने वाले कुछ ऑनलाइन स्कैम में 20 प्रतिशत से अधिक मामले रोमांस के होंगे। इनमें भी आधे से ज्यादा पीड़ित वे होंगे, जिनकी उम्र 25 साल से कम है।

    एआई तकनीक के लगातार अपडेट होने के चलते Deepfake वीडियो और फोटो इतने वास्तविक लगते हैं कि खास तकनीक की मदद से भी इन फोटो और वीडियो को पहचानना मुश्किल हो रहा है।

    हाल ही में अमेरिकी राज्‍य मिशिगन 53 वर्षीय बेथ हाईलैंड की टिंडर पर मिले रिचर्ड नाम शख्स से मुलाकात हुई। रिचर्ड ने बेथ से शुरुआत में प्‍यार-मोहब्‍बत की बातें की। फिर डीपफेक स्काइप कॉल्‍स और फर्जी फोटोग्राफी बनाकर बेथ से 22 लाख रुपये ठगे।

    एफबीआई की मानें तो साल 2023 में अमेरिका में ऐसे स्कैम से 36 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जबकि हकीकत में यह आंकड़ा बहुत बड़ा है, क्‍योंकि रोमांस स्‍कैम में शिकार हुए लोगों में से कुल 7 प्रतिशत ही शिकायत दर्ज करवाते हैं।

    डीपफेक स्‍कैम कैसे और कहां से हो रहा?

    दुनिया भर में लगभग सभी देश अपने -अपने यहां डीपफेक स्कैमर्स लगाम कसने में लगे हैं, लेकि डीपफेक स्कैमर्स को पकड़ना सभी के लिए चुनौती है। दरअसल, डीपफेक स्‍कैम उन देशों से काम कर रहे हैं, जिन देशों का कानून कमजोर है।

    यूएन ऑफिस फॉर ड्रग्स एंड क्राइम (United Nations Office on Drugs and Crime) की 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, 60 प्रतिशत डीपफेक स्कैम इंटरनेशनल नेटवर्क के जरिए संचालित होते हैं।

    कहां मिल रहे डीपफेक टूल्स?

    इंटरपोल की 2025 की रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के गैंग टेलीग्राम व डार्क वेब पर डीपफेक टूल्स बेचते हैं। टूल्‍सकी खरीद फरोख्त के लिए क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे रैक करना बेहद मुश्किल है।

    भारत में हर दिन कितने रुपये की ठगी हो रही?

    साइबर ठगी भारत में भी जमकर हो रही है। स्कैमर एआई को हथियार बना रहे हैं। डीपफेक ऑडियो, वीडियो व वॉयस क्लोनिंग के जरिए कॉल कर लोगों को जाल में फंसा रहे हैं।  देश में साइबर स्‍कैम डिजिटल अरेस्ट ने इतना विकराल रूप ले लिया कि केंद्र सरकार से लेकर आरबीई और मीडिया को इसके खिलाफ जागरुकता अभियान चलाना पड़ा।

    पिछले साल की बात करें तो साइबर ठगी के लिहाज से 2024  भयावह साल रहा है। भारतीयों को हर दिन औसतन 60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के मुताबिक,  नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर रोजाना 6000 से जयादा शिकायतें दर्ज की गईं।

    स्कैमर्स कैसे बहाने बना ऐंठ लेते हैं पैसे?

    FBI की इंटरनेट क्राइम रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन डेटिंग में 90 प्रतिशत स्‍कैमर इमरजेंसी जैसे- मेडिकल बिल, कानूनी खर्च या फिर ट्रैवलिंग में सब खो जाने का बहाना बनाते हैं।

    ऑनलाइन पार्टनर की तलाश में कैसे फंस जाते हैं युवा?

    ऑनलाइन पार्टनर की तलाश में युवा किसी भी हद तक जोखिम  उठाने को तैयार हो जाते हैं।

    युवा इमोशनल और टेक्‍नोलॉजी बाइज कम एक्‍सपीरिएंस होते हैं, स्कैमर उनको आसानी से फायदा उठाते हैं।

    ऑनलाइन पार्टनर की तलाश में कैसे फंस जाते हैं युवा?

    • ऑनलाइन पार्टनर की तलाश में युवा किसी भी हद तक जोखिम उठाने को तैयार हो जाते हैं।
    • युवा इमोशनल और टेक्‍नोलॉजी बाइज कम एक्‍सपीरिएंस होते हैं, स्कैमर उनको आसानी से फायदा उठाते हैं।

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    ऑनलाइन डेटिंग में क्‍या-क्‍या सावधानियां बरतें?

    • भरोसेमंद डेटिंग एप का इस्तेमाल करें।
    • फोटो, जॉब टाइटल और स्‍टेट्स फेक भी हो सकते हैं, ऐसे में जांच परख कर प्रोफाइल पर भरोसा करें।
    • फोटो वेरिफिकेशन के लिए रिवर्स इमेज सर्च व डीपफेक डिटेक्शन टूल्स (जैसे रियलिटी डिफेंडर) का उपयोग करें।
    • पूरा पता, ऑफिस नाम, बैंक डिटेल और आधार कार्ड जैसी अपनी पर्सनल जानकारी तुरंत शेयर न करें।
    • जब आप व्‍यक्ति पर भरोसा करने लगें तब ही सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी शेयर करें।
    • बातचीत का पैटर्न नोट करें जैसे- फोन/वीडियो कॉल्‍स से बचता है या जल्‍दी प्‍यार/शादी की बात कर रहा है तो सावधान हो जाएं।  
    • वीडियो कॉल जरूर करें। वीडियो कॉल में अजीब हरकतें पहचानें (जैसे पलक न झपकना) आदि पर गौर करें।
    • पहली बार किसी सार्वजनिक प्‍लेस पर मिलें,  परिवार-दोस्‍त के साथ लोकेशन व डिटेल शेयर करें।
    • पैसे मांगे तो सतर्क हो जाएं फिर चाहे मेडिकल इमरजेंसी हो, बिजनेस लॉस या कुछ और समस्‍या।
    • धोखाधड़ी होने पर बैंक, डेटिंग ऐप और पुलिस को तुरंत सूचित करें। त्वरित शिकायत से 30% मामलों में नुकसान कम हो सकता है।

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