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देश में 2020 तक 73 करोड़ होंगे इंटरनेट यूजर्स

बढ़ते इंटरनेट यूजर्स को देखते हुए साल 2020 तक भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या करीब 73 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2016 08:51 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2016 08:59 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्रामीण भारत में तेजी से बढ़ते इंटरनेट यूजर्स को देखते हुए 2020 तक भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 73 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। यह अनुमान आइटी उद्योग के संगठन नासकॉम और अकामई टैक्नोलॉजी ने एक रिपोर्ट में व्यक्त किया है।

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रिपोर्ट के अनुसार 2015 के अंत में भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 35 करोड़ थी। नासकॉम का यह भी कहना है कि वह वित्त वर्ष 2016-17 में सूचना प्रौद्योगिकी निर्यात से राजस्व में 10 से 12 प्रतिशत की वृद्धि के अपने अनुमान पर कायम है और इसमें बदलाव करने का कोई तात्कालिक कारण नहीं है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के बाद सर्वाधिक इंटरनेट यूजर्स भारत में हैं और इस मामले में यहां वृद्धि दर अन्य देशों की अपेक्षा तेज रहेगी। खास बात यह है कि भारत में आने वाले समय में 75 प्रतिशत नए उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्रों से आएंगे और ये स्थानीय भाषा में इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगे।

नासकॉम के अध्यक्ष आर. चंद्रशेखर ने कहा कि इंटरनेट यूजर्स की संख्या की दृष्टि से भारत पहले ही अमेरिका को पीछे छोड़ दुनियाभर में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। 2020 तक भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में भी इंटरनेट पहुंचने की संभावना है। इंटरनेट की पहुंच बढ़ने से देश में ऑनलाइन शॉपिंग भी तेजी से बढ़ रही है जो कारोबार के मामले में ट्रैवल को पीछे छोड़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2015-16 में कुल ई-कॉमर्स 17 अरब डॉलर था जो 2020 तक बढ़कर 34 अरब डॉलर होने का अनुमान है। ऐसा अनुमान है कि उस समय 17.5 करोड़ व्यक्तिगत लेन-देन ऑनलाइन होंगे।

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आइटी निर्यात के अनुमान की समीक्षा नहीं

आइटी निर्यात से आय के संबंध में अपने अनुमान पर कायम रहते हुए नासकॉम के अध्यक्ष ने कहा कि फिलहाल उन्हें इस अनुमान की समीक्षा की कोई वजह नजर नहीं आती। हालांकि वह निकट से नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि नासकॉम दूसरी तिमाही के परिणामों के बाद सितंबर या अक्टूबर में अपने आंकड़ों की समीक्षा करेगा।

अमेरिका में भेदभाव चिंताजनक

अमेरिका में भारतीय आइटी पेशेवरों के संबंध में वहां के राष्ट्रपति चुनाव से पहले चल रही बहस के संबंध में सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रशासन का भेदभाव भरा रवैया चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि हमें सभी पक्षों की बयानबाजी को ध्यान देने की जरूरत नहीं बल्कि कार्रवाई पर ध्यान देने की जरूरत है। इस संबंध में जो भी कदम पहले उठाए गए हैं, वे भेदभावपूर्ण रहे हैं, इसलिए उद्योग जगत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

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