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दो जीबी तक डाटा स्पीड दे सकने वाला पदार्थ विकसित

सऊदी अरब की किंग अब्दुल्ला यूनीवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने नया नैनोक्रिस्टालाइन पदार्थ विकसित किया है जो नीली रोशनी को तेजी से सफेद रोशनी में बदल देता है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 15 Aug 2016 05:35 PM (IST)Updated: Mon, 15 Aug 2016 08:33 PM (IST)

जेद्दा, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नया पदार्थ विकसित किया है जो न सिर्फ पर्याप्त रोशनी, बल्कि वायरलेस इंटरनेट डाटा की दो गीगाबाइट्स (जीबी) प्रति सेकेंड तक की स्पीड (गति) भी प्रदान कर सकता है।

सऊदी अरब की किंग अब्दुल्ला यूनीवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (केएयूएसटी) के शोधकर्ताओं ने नया नैनोक्रिस्टालाइन पदार्थ विकसित किया है जो नीली रोशनी को तेजी से सफेद रोशनी में बदल देता है। वर्तमान में वाईफाई और ब्लूटूथ हालांकि स्थापित तकनीकें हैं, लेकिन सूचनाओं को प्रसारित करने में इस्तेमाल की जाने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों की वेवलैंथ घटाकर भी कई फायदे मिले हैं।

शोधकर्ताओं ने बताया कि विजिवल लाइट कम्यूनिकेशन (वीएलसी) इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम के कुछ ही हिस्से का इस्तेमाल करता है जो अनियमित और ज्यादा ऊर्जा कुशल हैं। वीएलसी सूचना प्रसारित करने और रोशनी व प्रदर्शन तकनीक का मिश्रण है। उदाहरण के तौर पर अगर छत की रोशनी के इस्तेमाल से लैपटॉप को इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराया जा सके।

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