आडवाणी बताएं, आपातकाल की टिप्पणी किस पर निशाना
वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की आपातकाल संबंधी टिप्पणी को पर सहयोगी दल शिवसेना ने सवाल उठाए हैं। शिवसेना ने आडवाणी से जानना चाहा है कि ऐसी टिप्पणी करते समय क्या उनका इशारा किसी खास नेता की तरफ था।
मुंबई । वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की आपातकाल संबंधी टिप्पणी को पर सहयोगी दल शिवसेना ने सवाल उठाए हैं। शिवसेना ने आडवाणी से जानना चाहा है कि ऐसी टिप्पणी करते समय क्या उनका इशारा किसी खास नेता की तरफ था। आडवाणी ने हाल ही में कहा था कि देश में दोबारा आपातकाल जैसे हालात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा कि आडवाणी ने जब आपातकाल के फिर आने की आशंका जताई तब निश्चित तौर पर उनका इशारा किसी व्यक्ति की ओर है। अब सवाल उठता है कि आडवाणी का इशारा किसकी तरफ है। उनकी इस आशंका को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। शिवसेना ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेता आडवाणी भले ही अब राजनीति की मुख्यधारा में नहीं हैं किंतु भाजपा नेताओं और मीडिया को पता है कि उन्होंने जो कहा, उसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। शिव सेना के मुताबिक, अगर आडवाणी भाजपा के अंदरूनी मामलों की तरफ इशारा कर रहे हैं तो उन्हें स्पष्ट रूप से यह बताना चाहिए। पूर्व में मुरली मनोहर जोशी और कीर्ति आजाद जैसे पार्टी नेताओं ने भी अपने विचार रखे हैं।
शिवसेना ने कहा कि आडवाणी 1975 में लगे आपातकाल के साक्षी हैं जब नेताओं को बिना पुख्ता वजहों के सलाखों के पीछे डाल दिया गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि 40 साल के बाद अचानक से किस वजह से उन्हें यह सोचना पड़ा कि आपातकाल फिर से लग सकता है। शिवसेना ने आगे कहा कि आज मीडिया, खासकर सोशल मीडिया बहुत मजबूत हो गया है और उस हालात की कल्पना करना मुश्किल है कि लोकतंत्र को कुचला जा सकता है।