एडीजी विजिलेंस का दावा, बैंक बदलकर छिपा रहे कालाधन
सूबे के एडीजी विजिलेंस ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि भ्रष्टाचार के मामले में फंसे कई पूर्व मंत्री बैंक बदलकर कालाधन छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। इनको जल्द ही बेनकाब किया जाएगा। पुख्ता सुबूत जुटा लिए गए हैं। विवेचना पूरी होते ही प्रदेश सरकार को इनका काला चिट्ठा सौंप
बरेली, जागरण संवाददाता। सूबे के एडीजी विजिलेंस ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि भ्रष्टाचार के मामले में फंसे कई पूर्व मंत्री बैंक बदलकर कालाधन छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। इनको जल्द ही बेनकाब किया जाएगा। पुख्ता सुबूत जुटा लिए गए हैं। विवेचना पूरी होते ही प्रदेश सरकार को इनका काला चिट्ठा सौंप दिया जाएगा।
शनिवार को निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए एडीजी विजिलेंस महेंद्र मोदी ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से कहा कि पूर्ववर्ती बसपा सरकार के कई मामलों की जांच जारी है। पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र के मामले में तो चार्जशीट लग चुकी है, जबकि पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी व नसीमुद्दीन सिद्दीकी के ऊपर लगे आरोपों की पड़ताल जारी है। जल्द ही सारी सच्चाई सामने होगी। कुछ पूर्व मंत्री जांच से बचने के लिए अपनी रकम को एक बैंक से दूसरे बैंक ट्रांसफर कर रहे हैं, जिससे पता न चल सके कि इतनी भारी धनराशि कहां से आई।
मेडिकल कॉलेज भी जांच के घेरे में
मेडिकल सीटों को लेकर हो रही लूटमार के सवाल पर उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों को लेकर धांधली का मामला संज्ञान में है। जांच भी शुरू कर दी गई है। विजिलेंस विभाग ऐसे मेडिकल कॉलेजों की सूची तैयार कर रहा है।
जल संरक्षण के लिए अथक प्रयास
अपनी विभागीय जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ एडीजी मोदी जल संरक्षण, भूगर्भ जल पुनर्भरण पर भी काम करते हैं। इसके लिए न सिर्फ वह अतिरिक्त समय निकालते हैं बल्कि अपने वेतन का एक हिस्सा इस मुद्दे पर खर्च करते हैं। एडीजी ने बताया कि वर्ष 2008 से लेकर अब तक वह देश के नौ प्रांतों में 68 स्थानों पर पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन भी दे चुके हैं, जिसके माध्यम से उन्होंने पानी रिचार्ज कुआं बनवाने के लिए लोगों को प्रेरित किया। वह अभी तक देश के 160 स्थानों पर रीचार्ज जलाशय भी बनवा चुके हैं। एडीजी की मानें तो उन्होंने जल संरक्षण की तकनीकों को लागू करते हुए लगभग डेढ़ दर्जन नई तकनीकों का आविष्कार भी किया है।
बिजली बचाने का दिया सूत्र
एडीजी ने क्लीन रूफटॉप रेन वॉटर डायरेक्ट टू होम की अवधारणा भी दी है। इससे प्रथम चरण में पूरे देश में एक खरब 30 अरब यूनिट बिजली की बचत भी हो सकती है। जल्द ही उनकी तीन किताबें भी बाजार में आने वाली हैं, जो जल संरक्षण पर आधारित हैं।