चिटफंड घोटाला: कोर्ट के बाहर हार्ट अटैक से 300 करोड़ की ठगी के आरोपित की मौत
तेजपाल नूनिया को पुलिस ने 2011 में ठगी के मामले में गिरफ्तार किया था। नूनिया ने 2002 में झुंझुनू के चिड़ावा में प्रिया परिवार के नाम से एक चिटफंड कंपनी बनाई थी।
राज्य ब्यूरो, जयपुर। चिटफंड कंपनी के नाम पर करीब 300 करोड़ की ठगी करने के आरोपित की बुधवार को सीकर में कोर्ट के बाहर हार्ट अटैक से मौत हो गई। मृतक तेजपाल सिंह नूनिया प्रिया परिवार कंपनी का डायरेक्टर था।
जयपुर कमिश्नरेट पुलिस उसे सीकर के नीमकाथाना में कोर्ट में पेश करने के लिए लाई थी। कोर्ट के बाहर तेजपाल ने सीने में तेज दर्द की शिकायत की। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड दिया।
तीन साल में 25 हजार रुपये देने का वादा करती थी कंपनी
तेजपाल नूनिया को पुलिस ने 2011 में ठगी के मामले में गिरफ्तार किया था। नूनिया ने 2002 में झुंझुनू के चिड़ावा में प्रिया परिवार के नाम से एक चिटफंड कंपनी बनाई थी। यह कंपनी 6800 रुपये लेकर तीन साल में 25 हजार रुपये देने का वादा करती थी। कंपनी पर देश भर के करीब दो लाख से अधिक निवेशकों से ठगी का आरोप था।
राजस्थान और हरियाणा ही नहीं, अन्य राज्यों में भी प्रिया परिवार के सदस्य बनाए गए। कंपनी ने धोखाधड़ी की और 2011 में इसके सभी कार्यालय बंद हो गए थे।
निवेशकों की शिकायत पर पुलिस ने नूनिया व उसके चार अन्य साथियों को 2011 में गिरफतार किया था और इन पर तभी से ठगी का केस चल रहा था। इसी से जुडे केस में बुधवार को तेजपाल सिंह को नीमकाथाना कोर्ट में पेश करने के लिए लाया गया था।
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