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कश्मीरी बच्चों की काबिलियत के आगे दुश्मन हुए पस्त, विद्यार्थियों को डरा नहीं पाया बंद का माहौल

वार्षिक परीक्षाएं करवाने को लेकर प्रशासन के आगे चुनौती बन गई थी। अभिभावक बंद के दौरान बने हालात में बच्चों को सुरक्षा के कारण स्कूल नहीं भेज रहे थे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 10:36 PM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 10:41 PM (IST)
कश्मीरी बच्चों की काबिलियत के आगे दुश्मन हुए पस्त, विद्यार्थियों को डरा नहीं पाया बंद का माहौल
कश्मीरी बच्चों की काबिलियत के आगे दुश्मन हुए पस्त, विद्यार्थियों को डरा नहीं पाया बंद का माहौल

सतनाम सिंह, जम्मू। वाकई कश्मीर के बच्चों में भविष्य संवारने का जुनून दिखा। एक तरफ आतंकी 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने पर ताबड़तोड़ हमलों को अंजाम दे रहे थे तो दूसरी ओर बच्चे बेखौफ होकर परीक्षा केंद्रों में रुख कर रहे थे। हमलों व बंद से पैदा डर का माहौल भी कश्मीरी बच्चों की ललक के आगे हार गया। उन्होंने तमाम मुश्किलें पार करते हुए परीक्षाएं देकर अलगाववाद समर्थकों और आतंकियों को तमाचा मारा।

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10वीं और 12वीं कक्षा में 99 फीसद से अधिक विद्यार्थी परीक्षा देने पहुंचे। इससे उन तत्वों को झटका लगा है जो युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर में काफी समय तक स्कूल, कॉलेज बंद रहे। उसके बाद सरकार ने बच्चों के भविष्य को देख स्कूल खोले। पर बच्चों की हाजिरी कम रही।

वार्षिक परीक्षाएं करवाने को लेकर प्रशासन के आगे चुनौती बन गई थी। अभिभावक बंद के दौरान बने हालात में बच्चों को सुरक्षा के कारण स्कूल नहीं भेज रहे थे। बड़ी बात यह रही कि विद्यार्थियों ने दो महीने तक घरों में पढ़ाई कीं। कुछ सामुदायिक स्कूलों में गए और कई बच्चे सुबह-शाम शिक्षकों के घरों में पढ़ने जाते रहे। बच्चों को पता था कि परीक्षाएं अक्टूबर- नवंबर में हर हाल में होंगी क्योंकि दिसंबर में बर्फ गिरनी शुरू हो जाती है। सरकार ने पूरे प्रबंध करते हुए परीक्षाएं करवाने का फैसला किया। सरकार के तमाम प्रबंध सही निकले।

बच्चों की हाजिरी 99 फीसद रही

10वीं कक्षा की परीक्षा में पहले ही दिन हाजिरी 99 फीसद रही। कश्मीर में परीक्षाएं देकर बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रतिस्पर्धा की तैयारी के लिए जम्मू समेत अन्य राज्यों की तरफ रुख करेंगे। अगले वर्ष होने वाली प्रतिस्पर्धा की मेडिकल, इंजीनिय¨रग व अन्य परीक्षाओं में भाग लेंगे।

12वीं की परीक्षा में 99.4 फीसद हाजिरी

कश्मीर संभाग की बारहवीं कक्षा की परीक्षा बुधवार से शुरू हुई। परीक्षा में 99.4 फीसद हाजिरी रही। करीब 48 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। 433 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन 12वीं कक्षा का पहला पेपर जनरल इंग्लिश का हुआ। केंद्रों के बाहर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।

विद्यार्थियों में भारी उत्साह : बोर्ड

राज्य शिक्षा बोर्ड की चेयरपर्सन प्रो. वीना पंडिता का कहना है कि परीक्षाएं पूरी तरह से सुचारु रूप से हो रही हैं। विद्यार्थियों में भारी उत्साह देखा गया। चेयरपर्सन ने बोर्ड और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ कुछ परीक्षा केंद्रों का दौरा कर प्रबंधों का जायजा लिया।

ट्रांसपोर्ट के विशेष प्रबंध

कश्मीर संभाग के विभिन्न जिला प्रशासनों ने विद्यार्थियों की सुविधाओं के लिए परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट के विशेष प्रबंध किए हैं।

हर जगह बच्चों की रौनक दिखी

कश्मीर में ऐसी कोई क्षेत्र नहीं था यहां बच्चों और उनके अभिभावकों की हलचल नहीं थी। हर जगह रौनक थी। परीक्षा केंद्र तक बच्चों को छोड़ने आए अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित नजर आए। श्रीनगर में परीक्षा केंद्र तक छोड़ने जा रहे मंजूर के पिता वाहिद ने कहा कि अमन के दुश्मनों हमारे बच्चों ने क्या बिगाड़ा है। उन्हें अपने भविष्य को संवारने दो। तीस साल तक जारी खून की होली बंद हो। एक परीक्षा केंद्र के बाहर जमा बच्चे मंजूर, साहिल, मंसूर ने कहा कि हम पेपर देने आए हैं। हमें आतंकियों से कोई खौफ नहीं है। 

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