चुनाव जीतने के बाद भी 'आप' के नेता बने रहेंगे 'आम'
आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी जीत कर विधायक बन जाते हैं तब भी बजाय 'खास' होने के वह दिल्ली वालों के बीच 'आम' बनकर रहेंगे। विधायक बनने के बाद सरकारी सुख सुविधाओं का फायदा उठाने की जगह आप के नेता अभी जिस हालत में रहते हैं, उसी तरह रहेंगे और जनता की सेवा करेंगे। यह दाव
आशुतोष झा, नई दिल्ली। आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी जीत कर विधायक बन जाते हैं तब भी बजाय 'खास' होने के वह दिल्ली वालों के बीच 'आम' बनकर रहेंगे। विधायक बनने के बाद सरकारी सुख सुविधाओं का फायदा उठाने की जगह आप के नेता अभी जिस हालत में रहते हैं, उसी तरह रहेंगे और जनता की सेवा करेंगे। यह दावा है पार्टी का। चुनावी माहौल में यह दावा सिर्फ मतदाताओं को रिझाने के लिए नहीं किया गया वादा न बनकर रह जाए, इसे पक्का करने के लिए पार्टी ने अपने सभी प्रत्याशियों से एक शपथ पत्र भी ले लिया है।
शपथपत्र में कहा गया है कि विधायक बनने के बाद वह कम से कम सरकारी सुविधाएं लेना चाहेंगे। रौब दिखाने के लिए न ही लालबत्ती गाड़ी लेंगे और न ही अपने वाहन को विशेष बनाने की कोई जुगत करेंगे। इसके अलावा, सरकार की ओर से मिलने वाले सुरक्षाकर्मियों की सेवा भी नहीं लेंगे। रहने के लिए बड़े बंगले की मांग तो पार्टी के टिकट से विधायक बने हरगिज नहीं करेंगे। कुल मिलाकर पार्टी के नाम के अनुरूप ही उन्हें दिल्ली वालों के बीच एकदम आम बनकर रहना पड़ेगा।
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के अनुसार अभी तक जिन लोगों को पार्टी ने टिकट दिया है सभी ने शपथ पत्र जमा करा दिए हैं। अन्य सीटों के लिए जो नाम छांटे गए हैं उन लोगों ने भी शपथपत्र पहले ही जमा करा दिए हैं।
दो और प्रत्याशियों की घोषणा
आम आदमी पार्टी ने सोमवार को राजौरी गार्डन और अंबेडकर नगर विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। राजौरी गार्डन निवासी प्रीतपाल सिंह सलूजा को पार्टी ने उन्हीं के क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। वहीं क्रिकेट खिलाड़ी अशोक सिंह चौहान का नाम अंबेडकर नगर विधानसभा सीट के लिए घोषित किया गया है। इसके साथ ही 'आप' ने विधानसभा चुनाव के लिए 59 प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए हैं।
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