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7.5 की तीव्रता के भूकंप में अब तक 255 से ज्यादा लोग मारे गए

सोमवार का दिन भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान के लोगों पर भारी रहा। दोपहर बाद 2.40 बजे आए 7.5 तीव्रता के भूकंप के तेज झटकों के चलते काबुल से दिल्ली के बीच की धरती डोल उठी। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश पर्वत क्षेत्र में था।

By Test2 test2Edited By: Published: Mon, 26 Oct 2015 02:52 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2015 07:39 AM (IST)
7.5 की तीव्रता के भूकंप में अब तक 255 से ज्यादा लोग मारे गए

नई दिल्ली। सोमवार का दिन भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान के लोगों पर भारी रहा। दोपहर बाद 2.40 बजे आए 7.5 तीव्रता के भूकंप के तेज झटकों के चलते काबुल से दिल्ली के बीच की धरती डोल उठी। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश पर्वत क्षेत्र में था।

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इससे पूरा उत्तर भारत करीब 40 सेकेंड तक कांपता रहा। दहशतजदा लोग घर और कारोबार छोड़कर सुरक्षित स्थान की ओर भागे। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में कोयला घोटाले की सुनवाई 20 मिनट तक रुकी रही और दिल्ली मेट्रो की सेवा भी कुछ समय के लिए बाधित थी। कश्मीर में भूकंप की दहशत से दो महिलाओं सहित तीन लोगों की मौत हो गई। सोपोर में सेना के दो जवानों के साथ घाटी में 30 लोग घायल हैं।

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जलजले ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान में जमकर तबाही मचाई। अकेले पाकिस्तान में 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। अफगानिस्तान में भी 52 लोगों की जान गई है। मध्य रात्रि तक भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान में 250 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। अफगानिस्तान में भारत के राजदूत अमर सिन्हा के अनुसार काबुल में सभी भारतीय सुरक्षित हैं।

मदद को मोदी सक्रिय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को फोन कर हर संभव मदद की पेशकश की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को भी फोन कर हालात का जायजा लिया।

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212 किमी नीचे था केंद्र

भारी तबाही का पर्याय बने इस भूकंप का केंद्र काबुल से 254 किलोमीटर उत्तर पूर्व सुदूर हिंदुकुश पर्वत के जरम इलाके में था। यह धरती के 212 किलोमीटर नीचे था। शुरू में रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.7 मापी गई थी, लेकिन बाद में अमेरिकी जियोलाजिकल सर्वे ने भूकंप को 7.5 का बताया। अफगानिस्तान में सर्वाधिक हृदयविदारक दृश्य तखार प्रांत के तालोकान शहर का रहा। भूकंप से जान बचाने के लिए यहां के स्कूल में मची भगदड़ में 12 छात्राएं मारी गई। नांगहर सूबे में 15 लोगों की जान गई है। कुनार में 13 और नूरीस्तान में 12 लोग मारे गए हैं। राजधानी काबुल सहित पूरे अफगानिस्तान में सैकड़ों लोगों के घायल होने और भारी तादाद में इमारतों के गिरने की खबर है। अधिकारियों ने हिंदुकुश क्षेत्र में संचार व्यवस्था ठप होने के कारण मरने वालों की तादाद और बढ़ने की आशंका जताई है।

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पाकिस्तान में जमकर बरपा कहर

अफगानिस्तान के केंद्र बिंदु वाले इस भूकंप का कहर पाकिस्तान पर जमकर बरपा। यहां 200 से ज्यादा लोगों के मारे जाने और 1500 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है। जानमाल का सबसे ज्यादा नुकसान अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुआ है। सूबे के आपदा प्रबंधन प्रमुख अमीर अफाक के अनुसार खैबर पख्तूनख्वा में 190 से अधिक लोग मारे गए हैं। यहां एक हजार से अधिक लोग घायल हैं। पाकिस्तान सेना प्रमुख राहिल शरीफ ने राजधानी पेशावर सहित खैबर पख्तूनख्वा के सूबे के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे कर हालात का जायजा लिया। पेशावर के अलावा इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर, सरगोधा, क्वेटा और मुल्तान शहरों में भी भूकंप से काफी तबाही हुई है। जियो न्यूज के अनुसार खैबर पख्तूनख्वा के अलावा पाकिस्तानी पंजाब में पांच और गुलाम कश्मीर में चार लोग मारे गए हैं।

Pics: भूकंप के तेज झटकों से हिला समूचा पाक-अफगानिस्तान और उत्तरी भारत

दहल उठा उत्तर भारत

भूकंप के तेज झटकों से पूरा उत्तर भारत दहल उठा। 11 राज्यों में काफी देर तक धरती हिलती रही। दिल्ली-एनसीआर में तो दहशत के मारे लोग घरों, दफ्तरों से निकल कर बाहर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। सुप्रीम कोर्ट से लेकर दिल्ली मेट्रो तक इसका असर देखा गया। भूकंप से जम्मू-कश्मीर में ज्यादा नुकसान हुआ। सदमे से तीन जाने तो गई हीं, सूबे भर में कई इमारतें भी धराशायी हुई हैं। कई क्षेत्रों में फोन सेवा और विद्युत आपूर्ति बाधित हुई। श्रीनगर के एक फ्लाईओवर सहित सैकड़ों मकानों में दरार पड़ गई है। जम्मू में भी इसी तरह का नुकसान हुआ है। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा में भी भूकंप के कारण अचानक दहशत फैल गई। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी धरती हिली। भूकंप का असर गुजरात तक महसूस किया गया।

क्या कहा प्रधानमंत्री ने

'मैं सबकी सलामती की दुआ करता हूं। अफगानिस्तान, पाकिस्तान सहित जहां भी जरूरत होगी, हम हरसंभव मदद के लिए तैयार हैं।'

-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

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