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कनाडा पहुंची एनआइए की तीन सदस्यीय टीम, खालिस्तान समर्थक समूहों की फंडिंग की करेंगी जांच

सिख फार जस्टिस को पाकिस्तान की खुफिया आइएसआइ का समर्थन प्राप्त है जो भारत में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है। एसएफजे को भारत सरकार ने आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 06 Nov 2021 03:00 PM (IST)Updated: Sat, 06 Nov 2021 03:00 PM (IST)
एनआइए की तीन सदस्यीय टीम 5 नवंबर को कनाडा पहुंची है।

नई दिल्ली, आइएएनएस। खालिस्तान समर्थक समूहों की फंडिंग का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की तीन सदस्यीय टीम कनाडा पहुंच गई है। यह टीम सिख फार जस्टिस (एसएफजे) और अन्य खालिस्तान समर्थक समूहों की करेगी जांच करेगी। सूत्रों के अनुसार, एक महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व वाली टीम एसएफजे और अन्य आतंकवादी संगठनों जैसे प्रतिबंधित संगठनों द्वारा भारत के बाहर से खालिस्तान के समर्थन के लिए की जाने वाली फंडिंग का पता लगाएगी।

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जांच दल इन भारत विरोधी संगठनों- एसएफजे और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे अन्य खालिस्तान समर्थक समूहों के फंडिंग लिंक के कनेक्शन की जांच करेगा, जो हाल के दिनों में सक्रिय हो गए हैं। सिख फार जस्टिस को पाकिस्तान की खुफिया शाखा इंटर स्टेट सर्विसेज (आइएसआइ) का समर्थन प्राप्त है, जो भारत में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है। एसएफजे को भारत सरकार ने आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

केंद्रीय जांच दल अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया और जर्मनी सहित विभिन्न देशों से धन के स्रोत वाले खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों की भी जांच करेगा। जनवरी और फरवरी में दिल्ली में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के दौरान, यह रिपोर्ट सामने आई थी कि कुछ गैर सरकारी संगठनों जैसे 'खालसा एड' और अन्य को इन सिख संगठनों द्वारा फंडिंग की जा रही है।

भारतीय अधिकारियों ने विदेशों में भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर 12 अनिवासी भारतीयों (एनआरआइ) और भारत के प्रवासी नागरिकों (ओसीआइ) के वीजा को रद्द कर दिया है। अमेरिका स्थित एसएफजे ने 1 नवंबर, 2021 को लंदन में एक जनमत संग्रह आयोजित करने की कोशिश की। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर एक वैश्विक शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे थे।


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