Mirzapur Seat: जातियों पर जीत का कार्ड खेल रही राजनीतिक पार्टियां, अनुप्रिया पटेल और अखिलेश में होगी सीधी टक्कर!
राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी जीत पक्की करने के लिए इस बार भी जातियों का कार्ड खेला है। गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मण चेहरा उतारकर सवर्ण खासकर ब्राह्मण के साथ एससी-एसटी खेमे को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है। इसके पहले 2014 में सपा और बसपा ने अपने प्रत्याशी खड़े किए थे। 2019 में दोनों ने एक साथ चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया था।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी जीत पक्की करने के लिए इस बार भी जातियों का कार्ड खेला है। समाजवादी पार्टी ने बिंद बिरादरी के प्रत्याशी के रूप में सत्येंद्र एस बिंद को चुनाव मैदान में उतारकर अपना पत्ता खोल दिया है।
गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मण चेहरा उतारकर सवर्ण खासकर ब्राह्मण के साथ एससी-एसटी खेमे को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है। इसके पहले 2014 में सपा और बसपा ने अपने प्रत्याशी खड़े किए थे। 2019 में दोनों ने एक साथ चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया था।
अनुप्रिया पटेल अपनी तीसरी जीत का कर रही दावा
2019 में सपा गठबंधन के प्रत्याशी रामचरित्र निषाद को तीन लाख 60 हजार मतों से संतोष करना पड़ा था। इस चुनाव में अनुप्रिया पटेल को लगभग छह लाख मत पड़े थे। भाजपा व अपना दल एस के गठबंधन के तहत चुनावी मैदान में उतरने वाली अनुप्रिया पटेल अपनी तीसरी बार जीत का ताल ठोक रही हैं। हालांकि नाम घोषित होना बाकी है। फिर भी उन्हीं को जिताऊ प्रत्याशी के रूप में जनपद से लड़ाने की बात पक्की मानी जा रही है।
समाजवादी पार्टी भर रही है दम
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी भी जातिगत आंकड़े व आम जनता का साथ होने का दावा करते हुए इस बार सीट पर कब्जा करने का दम भर रही है। जबकि बसपा कुछ उलटफेर करने का दावा कर रही है। कौन क्या करता है यह तो मतगणना में स्पष्ट होगा। फिलहाल सभी संभावित व घोषित प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा करते हुए जनता के बीच जा रहे हैं।
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