झारखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन की तैयारी धीमी, आखिर क्यों धीरे-धीरे हो रहा प्रत्याशियों का एलान
Lok Sabha Election 2024 झारखंड में भाजपा ने 14 में से 11 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है। जबकि इस मुकाबले महागठबंधन की तैयारी की रफ्तार धीमी दिखाई पड़ रही है। मार्च माह समाप्त होने को है लेकिन महागठबंधन में सीटों को लेकर स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं होने के कारण प्रत्याशियों के नाम पर जिच है।
प्रदीप सिंह, रांची। झारखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन की तैयारी अभी भी धीमी दिख रही है। खासकर प्रत्याशियों की घोषणा में आपसी खींचतान के कारण हो रही देरी टिकट की आस लगाए नेताओं की धड़कनें बढ़ा रही है। उधर, भाजपा के प्रत्याशी मैदान में मुस्तैद हो गए हैं।
भाजपा के मुकाबले महागठबंधन की तैयारी की रफ्तार धीमी
लोकसभा चुनाव की आधिकारिक अधिसूचना जारी होने के पूर्व झारखंड में भाजपा ने 14 में से 11 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए थे।
इसके बाद 25 मार्च को बची हुई दो सीटों पर भी बाद में उम्मीदवारों के नाम का एलान हो चुका है, जबकि एक सीट राज्य में भाजपा की सहयोगी आजसू पार्टी के लिए छोड़ी है।
प्रत्याशियों के नाम की घोषणा के बाद क्षेत्र में आरंभिक जनसंपर्क से लेकर उनका प्रचार अभियान जोर पकड़ चुका है। इसके मुकाबले विपक्षी महागठबंधन की तैयारी की रफ्तार अभी धीमी दिख रही है, जो इनके द्वंद्व की ओर संकेत कर रहा है।
महागठबंधन में सीटों को लेकर स्थिति नहीं स्पष्ट
मार्च माह समाप्त होने को है, लेकिन महागठबंधन में सीटों को लेकर स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं होने के कारण प्रत्याशियों के नाम पर जिच है। कांग्रेस ने बुधवार को केवल तीन सीटों के लिए प्रत्याशी की घोषणा की है।
लोहरदगा से सुखदेव भगत, हजारीबाग से जेपी पटेल और खूंटी से कालीचरण मुंडा को प्रत्याशी बनाया गया है। साथ ही शेष सीटों पर जल्द प्रत्याशी घोषित करने की बात कही है।
झामुमो और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर खींचतान
झामुमो में भी अभी घोषणा में देर है। कुछ सीटों पर झामुमो और कांग्रेस के बीच खींचतान भी चल रही है। झामुमो सिंहभूम के साथ-साथ लोहरदगा संसदीय सीट भी लेने पर अड़ा था।
हालांकि, लोहरदगा से अब कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित हो चुका है। कहा जा रहा है कि सिंहभूम को लेकर कांग्रेस आलाकमान झामुमो की बात मानने को तैयार है। उधर लालू प्रसाद की राजद भी दो सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं है।
खल रही हेमंत की अनुपस्थिति
महागठबंधन में सीटों को लेकर जिच की स्थिति की एक बड़ी वजह सर्वमान्य चेहरे की कमी भी है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कमी ऐसे मौके पर रणनीतिकारों को खल रही है। हेमंत सोरेन राजनीतिक निर्णय लेने में देरी नहीं करते थे और सटीक निर्णय लेते थे। कई मौके पर उन्होंने आगे बढ़कर जोखिम भी लिया।
अपने कैबिनेट के दिवंगत मंत्री हाजी हुसैन अंसारी और जगरनाथ महतो के उत्तराधिकारियों को चुनाव जीतने के पहले मंत्री बनाना इसका उदाहरण है। इसके अलावा राष्ट्रपति चुनाव एवं राज्यसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने फौरी और सटीक निर्णय लेने सबको चौंकाया था।
महागठबंधन के दलों के साथ कई दौर की बैठक हो चुकी है। कहीं कोई परेशानी नहीं है। जल्द ही प्रत्याशियों के नाम की घोषणा चरणबद्ध तरीके से कर दी जाएगी। महागठबंधन सभी सीटों पर जीत हासिल करेगा- विनोद पांडेय, केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता, झामुमो।
झारखंड में मतदान चौथे, पांचवें एवं छठे चरण में होगा। हमलोग विस्तृत विचार-मंथन के बाद प्रत्याशी की घोषणा करेंगे। सीट शेयरिंग का फार्मूला भी जल्द ही घोषित कर दिया जाएगा- राजेश ठाकुर,प्रदेश अध्यक्ष, झारखंड कांग्रेस।
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