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Haryana News: वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील की सुस्त जांच पर IAS खेमका ने उठाए सवाल, कहा- '10 साल हो गए और कितनी प्रतीक्षा'

साल 2012 में डॉ. अशोक खेमका ने डीएलएफ-वाड्रा लैंड डील घोटाले का खुलासा किया था। इसके बाद इस मामले में धीली जांच पर अशोक खेमका ने फिर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट शेयर कर कहा कि वाड्रा-डीएलएफ सौदे की जांच सुस्त क्यों? 10 साल हो गए और कितनी प्रतीक्षा। ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में पापियों की मौज।

By Sudhir Tanwar Edited By: Deepak Saxena Published: Sat, 06 Apr 2024 07:43 PM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2024 07:43 PM (IST)
वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील की सुस्त जांच पर IAS खेमका ने उठाए सवाल (फाइल फोटो)।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। डीएलएफ-वाड्रा लैंड डील मामले में धीमी जांच पर सीनियर आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने फिर सवाल उठाए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक खेमका ने अपने इंटरनेट मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा है कि वाड्रा-डीएलएफ सौदे की जांच सुस्त क्यों? 10 साल हो गए और कितनी प्रतीक्षा। ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में, पापियों की मौज।

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DLF लैंड डील मामले पर खड़े किए सवाल

खेमका यही नहीं रूके। उन्होंने आगे लिखा कि शासक की मंशा कमजोर क्यों? प्रधानमंत्री का देश को वर्ष 2014 में दिया गया वचन एक बार ध्यान तो किया जाए। इससे पहले खेमका ने पिछले साल भी डीएलएफ लैंड डील मामले पर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद सरकार की ओर से जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी।

खेमका ने जांच के लिए दिया था ज्ञापन

खेमका ने ही डीएलएफ लैंड डील घोटाले को उजागर किया था। इसके बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 11 अक्टूबर 2012 को खेमका का ट्रांसफर कर दिया था। अगले दिन 12 अक्टूबर को खेमका ने लाइसेंस की कालाबाजारी मानते हुए जांच के आदेश दिए। खेमका ने मामले को उजागर करने के बाद इसकी जांच के लिए एक ज्ञापन भी दिया था।

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तीन IAS अधिकारियों की जांच कमेटी की गठित

इस पर पिछली कांग्रेस सरकार ने तीन आईएएस अधिकारियों की एक जांच कमेटी गठित की थी। लेकिन कमेटी ने लैंड डील को क्लीन चिट दे दी थी। इसी आधार पर हुड्डा सरकार ने 4 दिसंबर 2013 को अशोक खेमका को चार्जशीट कर दिया था। हालांकि बाद में मौजूदा सरकार ने इसे वापस ले लिया था।

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