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UP Board 2019 Exam: अंधेरे में कैसे दिखेगी भविष्य की राह, जूते के साथ उतरवाई चप्पल भी

परीक्षा केंद्रों में जूते के साथ उतरवाई गई चप्पल भी। डिप्टी सीएम ने लखनऊ के कई कॉलेज में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 09:22 AM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 02:44 PM (IST)
UP Board 2019 Exam: अंधेरे में कैसे दिखेगी भविष्य की राह, जूते के साथ उतरवाई चप्पल भी
UP Board 2019 Exam: अंधेरे में कैसे दिखेगी भविष्य की राह, जूते के साथ उतरवाई चप्पल भी

लखनऊ, जेएनएन। यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा का आज तीसरा दिन है। सुबह 6 बजे से ही केंद्रों के बाहर छात्रों की लंबी लाइनें नजर आने लगी। कोई अपने पैरेंट्स के साथ तो कहीं छात्र खुद साइकिल चलाकर परीक्षा देने पहुंचा। नकलविहीन परीक्षा के तहत कहीं छात्रों से जूते के साथ उनकी चप्पलें भी उतरवा ली गई। वहीं,  कहीं पर छात्र अंधेरे में पेपर देते दिखाई दिए। इसी हलचल के बीच डिप्टी सीएम ने परीक्षा केंद्रों का जायजा भी लिया।

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बता दें, यूं तो परीक्षाएं सात फरवरी से शुरू हैं। वहीं, प्रमुख विषयों की परीक्षा आज (मंगलवार) से शुरू हो रही हैं। हाईस्कूल, इंटर के छात्रों का हिंदी व वाणिज्य विषयों के पेपर हैं। 

नकलचियों पर सीसी कैमरे की नजर, तो कहीं जूते के साथ उतरवाई चप्पलें भी
सख्त व्यवस्था के बीच चल रही परीक्षा के तहत मोहनलालगंज के सिसेंदी में स्थित हीरालाल यादव इंटर कॉलेज में परक्षार्थियों से जूते के साथ-साथ उनकी चप्पलें भी उतरवाए ली गई l दूसरी तरफ, सीसी कैमरे के जरिए परीक्षा कक्षों की निगरानी की गई। वहीं, जनता इंटर कॉलेज में छात्र अंधेरे में परीक्षा देने पर मजबूर हैं। कक्ष में एक बल्ब की रोशिनी तक नहीं दिखाई दी। 

 परीक्षा का समय

  • प्रथम पाली : सुबह 8 से 11:15
  • द्वितीय पाली : दोपहर 2 से 5:15
  • कंट्रोल रूम नंबर : 0522-2254479

डिप्टी सीएम ने लिया जायजा 
उधर,  परीक्षा को नकलविहीन कराने की कवायद के चलते डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने नादान महल रोड स्थित एमडी शुक्ला इंटर कॉलेज और अमीनाबाद इंटर कॉलेज का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सीसी कंट्रोल रूम से लेकर कक्षों के अंदर जाकर छात्रों से बात की। बता दें, परीक्षा को नकलविहीन कराने की कवायद के चलते डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने बोर्ड परीक्षा के पहले दिन ही निगरानी की कमान अपने हाथ में ले ली थी। उन्होंने शहर के कई केंद्रों का निरीक्षण किया था।

डिप्टी सीएम ने छात्रों से की बात

  • डिप्टी सीएम ने एक छात्र से पूछा- पेपर कैसा है ? छात्र ने कहा- सर, अच्छा 
  • दूसरे से पूछा- नकल करना सही है ? छात्र ने कहा- नहीं सर, गलत बात है। 

बोर्ड ड्यूटी में बाधा पहुंचाने पर खत्म होगी मान्यता
उधर, वित्तविहीन कॉलेजों के कई शिक्षकों को प्रबंधन ड्यूटी से मुक्त नहीं कर रहे हैं। ऐसे में वह बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षक की ज्वाइनिंग के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं। डीआइओएस ने ऐसे विद्यालयों की मान्यता वापस लेने का अल्टीमेटम दिया।

दरअसल, बोर्ड परीक्षा में 4,058 कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें 525 शिक्षक राजकीय, सहायता प्राप्त कॉलेज 1957, वित्तविहीन के 1228 शिक्षक हैं। इसमें निजी विद्यालयों के प्रबंधक-प्रधानाचार्य शिक्षकों को बोर्ड ड्यूटी में भेजने से आनाकानी कर रहे हैं। वह विद्यालय में अन्य कक्षाओं के बाधित होने की बात कह रहे हैं। ऐसे में डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार ने बोर्ड ड्यूटी में लगे शिक्षकों को जल्द कार्य मुक्त किए जाने के निर्देश दिए। वहीं लापरवाही करने पर मान्यता समाप्त करने का अल्टीमेटम दिया।

एक दिन पहले जेडी का कंट्रोल रूम रहा बंद 
बोर्ड परीक्षा को लेकर शिक्षा भवन में दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। इनमें शिक्षकों की तैनाती भी की गई है। सोमवार (11 फरवरी) को डीआइओएस कार्यालय का कंट्रोल रूम खुला रहा, जबकि जेडी कार्यालय का बंद रहा।

बोर्ड ने पूछा, ब्लैक लिस्ट कैसे बना सेंटर
बता दें, राजधानी के जनता इंटर कॉलेज की करतूतों पर पर्दा डाल परीक्षा केंद्र बनाया गया। ऐसे में दैनिक जागरण द्वारा मामला उठाने पर यूपी बोर्ड सक्रिय हुआ। निदेशक ने मेल कर डीआइओएस से जवाब मांगा है। दरअसल, मलिहाबाद के जनता इंटर कॉलेज में पारदर्शी परीक्षा में लगी सेंध का दैनिक जागरण ने भंडाफोड़ किया। शनिवार के अंक में ‘पापा कक्ष निरीक्षक, बेटा परीक्षार्थी!’ खबर प्रकाशित की। इसके बाद कक्ष निरीक्षक को बोर्ड ड्यूटी से बाहर कर दिया गया। वहीं सोमवार के अंक में ‘ब्लैक लिस्ट विद्यालय को बनाया सेंटर’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय ने डीआइओएस को मेल कर जवाब मांगा है।

 

पहली परीक्षा में बारिश ने किया था परेशान 
बता दें, यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन यानी सात फरवरी को विद्यार्थियों को दोहरी परीक्षा से गुजरना पड़ा। उन्हें पेपर से पहले बारिश की मार झेलनी पड़ी। विद्यार्थी भीगते हुए सेंटर पहुंचे। ऐसे में ठिठुर रहे छात्रों के लिखते वक्त हाथ भी कंपकपा गए। बेमौसम बारिश कई छात्रों के भविष्य पर भारी पड़ गई। 

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