UGC Final Year Exam Hearing: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 18 अगस्त तक के लिए टली, देखें अपडेट्स
UGC Final Year Exam Hearing अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के मामले की आज हुई सुनवाई को अब मगलवार 18 अगस्त 2020 तक के लिए टाल दिया गया है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। SC on UGC Final Year Exams Updates: अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं के मामले की आज हुई सुनवाई को अब मगलवार, 18 अगस्त 2020 तक के लिए टाल दिया गया है। आज हुई सुनवाई के दौरान छात्रों का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने रखा। वहीं युवा सेना की एक अन्य सम्बन्धित मामलेे याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने छात्रों का पक्ष रखा। वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि 29 अप्रैल को देश भर में कोरोना मामलों की संख्या 1137 थी, लेकिन आज लाखों में है। महामारी की स्थिति भयावह होती जा रही है। ऐसे में परीक्षाएं कैसे आयोजित की जा सकती हैं।
सम्बन्धित मामले की सुवनाई के दौरान छात्रों का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि जब यूजीसी स्वयं कहता है कि ये एडवाइजी है तो इसे स्थानीय जरूरतों के हिसाब से बदला जा सकता है। युवा सेना की याचिका में पक्ष रख रहे दीवान ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम को राज्य और केंद्रशासित प्रदेश डीएम प्रावधानों को सख्त बना सकते हैं, लेकिन इसे कमजोर नहीं कर सकते। ये यूजीसी के दिशा-निर्देश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पालन किए जाने के लिए एक न्यूनतम मानक की सख्त व्यवस्था है। वे इसे संकीर्ण नहीं कर सकते हैं।
अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं के मामले की सुनवाई चल रही है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ यूजीसी गाइडलाइंस मामले की सुनवाई कर रही है। इस मामले में यूजीसी एवं सरकार का पक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता रख रहे हैं, जबकि छात्रों का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी रख रहे हैं। सुनवाई के आरंभ में उन्होंने कहा कि जब संस्थान कक्षाओं का आयोजन नहीं कर पा रहे हैं तो परीक्षाएं कैसे आयोजित हो पाएंगे। एमएचए ने हाल ही जारी अनलॉक 3 में शिक्षण संस्थानों को 31 अगस्त 2020 तक बंद रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि सामान्य हालात में कोई भी परीक्षाओं के विरोध में नहीं है। हम महामारी के बीच परीक्षाओं का विरोध कर रहे हैं। डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा "बिना टीचिंग के परीक्षा कैसे? यूजीसी का निर्णय तानाशाही भरा है।"
क्या आज आएगा फैसला?
अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर क्या आज उच्चतम न्यायालय आज कोई फैसला आएगा? इस प्रश्न का उत्तर आज शायद आज मिल जाए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में लास्ट सेमेस्टर वर्ष या ईयर की परीक्षाओं को 30 सितंबर तक करा लेने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सर्कुलर को चुनौती देनी वाली याचिका पर आज, 14 अगस्त 2020 को सुनवाई होगी। इससे पहले 10 अगस्त को इसी मामले की हुई सुनवाई के दौरान 14 अगस्त यानि आज फिर से सुनवाई के लिए टाल दिया गया था। पिछली सुनवाई के दौरान उत्ततम न्यायालय ने यूजीसी एवं सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सुनवाई के दौरान पूछा था कि राज्य आपदा अधिनियम (डीएमए) क्या यूजीसी के दिशा-निर्देशों को प्रभावित कर सकते हैं? इस प्रश्न के लिए सरकार का पत्र रखने हेतु सॉलिसिटर जनरल ने समय मांगा था, जिसके बाद खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई 14 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है।
यह भी पढ़ें - राज्य सरकारों के हलफनामे पर UGC की सुप्रीम कोर्ट में दलील, अकादमिक करियर में अंतिम परीक्षाएं अहम
उधर प्राप्त जानकारी के मुताबिक केंद्र गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा यूजीसी के पक्ष में प्रतिक्रिया दाखिल की गयी है। जिसके अनुसार एमएचए द्वारा अनलॉक 3 के लिए जारी दिशा-निर्देशों के बावजूद यूजीसी द्वारा अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर जारी सर्कुलर पर अमल किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें - यूजीसी ने कहा- यदि विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं हुई, तो डिग्रियों को मान्यता नहीं
सरकार और यूजीसी के पक्ष जहां अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं पर फैसला आज होने की उम्मीद की जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर देश भर के छात्रों, छात्र-संगठनों, अभिवावकों और राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा यूजीसी सर्कुलर का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर यूजीसी के विरोध में कई टॉपिक्स एवं डिस्कशंस ट्रेंड कर रहे हैं। हालांकि, आज इन सभी पर विराम लगने की उम्मीद है।
यह भी पढ़ें - Final Year Exam UGC Guidelines 2020: अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के मामले की सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 14 अगस्त को
बता दें के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश भर के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को अनिवार्य रूप से 30 सितंबर 2020 तक करा लिये जाने से सम्बन्धित सर्कुलर 6 जुलाई को जारी किया गया था। कोविड-19 के बीच परीक्षाओं को कराने का विरोध तभी से किया जा रहा है और इसी सर्कुलर को देश भर के अलग-अलग संस्थानों के 31 छात्रों ने मिलकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। इस याचिका में मांग की गयी है कि अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को रद्द किया जाना चाहिए और छात्रों के रिजल्ट उनके इंटर्नल एसेसमेंट या पास्ट पर्फार्मेंस के आधार पर तैयार किये जाने चाहिए।