Final Year Exam UGC Guidelines 2020: अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के मामले की सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 14 अगस्त को
Final Year Exam UGC Guidelines 2020 परीक्षाओं को लेकर सुुप्रीम कोर्ट में 10 अगस्त को हुई सुनवाई के बाद मामले को 14 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Final Year Exam UGC Guidelines 2020: फाइनल ईयर या सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर सुुप्रीम कोर्ट में आज, 10 अगस्त 2020 को हुई सुनवाई के बाद मामले को 14 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया है। आज हुई सुनवाई के दौरान यूजीसी और सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ही एकमात्र बॉडी है जो कि डिग्री से सम्बन्धित नियमों को बना सकता है और राज्य इन नियमों में संशोधन नहीं कर सकते हैं। साथ ही, परीक्षाओं का आयोजित न किया जाना स्वयं छात्रों के ही हित में नहीं है।
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बता दें कि देश भर के केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को अनिवार्य रूप से कराये जाने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सर्कुलर को चुनौती देनी वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज, 10 अगस्त 2020 को सुनवाई होनी थी। यूजीसी ने 6 जुलाई को जारी अपने सर्कुलर में विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष या लास्ट सेमेस्टर की परीक्षाओं को 30 सितंबर 2020 तक आयोजित कर लेने के निर्देश दिये थे। सर्कुलर में परीक्षाओं को ऑनलाइन या ऑफलाइन या ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनो ही माध्यमों में संयुक्त रूप से आयोजित करने के निर्देश यूजीसी ने दिये थे। इसी सर्कुलर को देश भर के अलग-अलग विश्वविद्यालयों को 31 छात्रों ने मिलकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी।
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31 जुलाई को हुई थी सुनवाई
अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर 31 जुलाई को सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान यूजीसी एवं सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा था कि गृह मंत्रालय का मामले से सम्बन्धित पक्ष रखने के लिए 7 अगस्त 2020 तक एफिडेविट दाखिल करें। वहीं, मामले की सुनवाई के दौरान छात्रों का पक्ष रख रहे अधिवक्ता सिंघवी ने कहा था कि देश भर में कई विश्वविद्यालयों हैं जिनके पास परीक्षाओं को ऑनलाइन आयोजित करने के लिए आवश्यक आईटी इंफ्रास्ट्रक्टर ही नहीं है। दूसरी तरफ, कोविड-19 के इस दौर में परीक्षाओं का भौतिक रूप से आयोजन संभव नहीं है।
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बता दें कि छात्रों द्वारा दायिचका में मांग की गयी है कि विश्वविद्यालयों या अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को रद्द किया जाना चाहिए और छात्रों के रिजल्ट उनके इंटर्नल एसेसमेंट या पास्ट पर्फार्मेंस के आधार पर तैयार किये जाने चाहिए।