Move to Jagran APP

तरक्की में बाधक बन रही रुकावटों को ऐसे करें दूर, जीत पक्की

हममें से तमाम लोग (चाहे वे स्टूडेंट हों या फिर वर्किंग प्रोफेशनल) अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए अक्सर असफलता या हताशा के शिकार हो जाते हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 01:26 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 01:27 PM (IST)
तरक्की में बाधक बन रही रुकावटों को ऐसे करें दूर, जीत पक्की
तरक्की में बाधक बन रही रुकावटों को ऐसे करें दूर, जीत पक्की

नई दिल्ली [अरुण श्रीवास्तव]। हम हर साल विजयदशमी यानी दशहरे के दिन दशानन यानी रावण को जलाकर अच्छाई पर बुराई की जीत का जश्न मनाते हैं। बेशक यह प्रतीकात्मक होता है, लेकिन यह मौका होता है इस बात पर मंथन करने का कि कहीं हमारे भीतर या हमारे आसपास किसी रावण रूपी प्रभाव का असर तो नहीं है, जो किसी न किसी रूप में हमारी प्रगति में बाधक बन रहा है? क्यों जरूरी है इन बाधाओं को जानकर उन्हें दूर करना और फिर जीत की ओर आगे बढ़ना, यहां जानें...

loksabha election banner

कहते हैं रावण महाज्ञानी था, पर सिर्फ शक्ति और सत्ता के अहंकार में उसने अपना सबकुछ गंवा दिया। हममें से तमाम लोग (चाहे वे स्टूडेंट हों या फिर वर्किंग प्रोफेशनल) अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए अक्सर असफलता या हताशा के शिकार हो जाते हैं। निराश होकर वे यही सोचते हैं कि उन्होंने मेहनत तो बहुत की, लेकिन शायद कामयाबी उनकी किस्मत में नहीं थी।

आखिर क्या कारण है कि लगातार कठिन मेहनत करने के बावजूद तरक्की उनसे काफी दूर रह जाती है? पर क्या आपने खुद को कोसने की बजाय उन स्थितियों या कारणों पर गंभीरता से विचार किया है, जिनकी वजह से आप मंजिल से दूर रह जाते हैं? शायद नहीं। क्योंकि जो लोग अपनी कमियों कमजोरियों को तलाश कर उन्हें समय रहते दूर कर लेते हैं, जो अपनी असफलता से सीखते हुए आगे बढ़ते हैं, वे एक न एक दिन कामयाब जरूर होते हैं। दरअसल, अक्सर हमारी कामयाबी की राह में सबसे बड़ी रुकावट हमारे अपने भीतर की कमजोरी रूपी दशानन ही होता है। आप भी अपने भीतर के इस दसानन को तलाशें और फिर उस पर जीत पाते हुए आगे बढ़ें।

न देखें दिवास्वप्न

अक्सर हम कामयाबी के सपने तो देख लेते हैं, लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए जिस रणनीति और धैर्यपूर्ण साधना की जरूरत होती है, उस पर अमल नहीं कर पाते। ऐसे में वह सपना दूर की कौड़ी होकर रह जाता है। अगर आप वाकई अपने सपने को पूरा करना चाहते हैं, तो सिर्फ उसके बारे में सोचते रहने की बजाय उसे जीने की कोशिश करें। सिर्फ दिवास्वप्न या दिन में सपने देखते रहने की बजाय सपनों को पूरा करने का हर संभव जतन करें। उसे पाने के लिए अपने भीतर जिद पैदा करें।

सामर्थ्य और सही दिशा

सिर्फ दूसरों को देखकर या उनसे प्रभावित होकर कोई लक्ष्य तय करने की बजाय अपने सामथ्र्य को देखते हुए अपनी रुचि के मुताबिक ही लक्ष्य तय करें। दूसरों को देखकर कोई राह चुनेंगे, तो कुछ ही समय बाद मन न लगने के कारण आप खुद उससे उकताहट महसूस करने लगेंगे। हां, अगर आप अच्छी तरह सोचविचार करके अपनी पसंद की राह पर आगे बढ़ेंगे, तो हर प्रयास के साथ आप और ज्यादा उत्साहित महसूस करेंगे।

ना को ‘ना’

अपने सामथ्र्य पर विचार कर उसके अनुसार कोई लक्ष्य तय कर लेने के बाद उस राह में चाहे जितनी मुश्किलें आए, उनसे घबराकर किसी भी सूरत में अपने कदम पीछे न मोड़ें। नहीं, असंभव और मुश्किल जैसे शब्दों को अपने मन से निकाल दें। मनोबल और उत्साह बनाए रखेंगे, तो हर छोटी कामयाबी आपका आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेगी।

आलस से दूरी

आगे बढ़ते हुए कभी भी अपने ऊपर आलस को हावी न होने दें। चाहे नींद का प्रभाव हो या अनुशासित दिनचर्या का, उससे कभी समझौता न करें। लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ते हुए अगर अनुशासित दिनचर्या के साथ आगे बढ़ते रहेंगे, तो आप धीरे-धीरे ही सही कामयाबी की ओर लगातार बढ़ते रहेंगे। हां, अगर यह सोच लिया कि आज और सो लेते हैं या आज की बजाय इस काम को या पढ़ाई को कल पूरा कर लेंगे, तो वह कल फिर कल ही होता जाएगा। यह सोच आपके लक्ष्य को मुश्किल बना सकती है।

सही रणनीति

कई बार हम लक्ष्य तो बड़ा तय कर लेते हैं, पर उसे पाने के लिए बिना कोई रणनीति बनाए आगे बढ़ते रहते हैं। सही रणनीति न होने के कारण हम आधे-अधूरे तरीके से ही प्रयास कर पाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि लक्ष्य तय करते समय ही उसके मुताबिक अपनी उपयुक्त रणनीति/स्ट्रेटेजी बना लेनी चाहिए और फिर उसी के अनुसार क्रमश: आगे बढ़ना चाहिए। इससे होता यह है कि हमारे प्रयास चरणबद्ध होते हैं और एक-एक करके हम सभी चरणों को समय से पूरा कर पाते हैं।

गलतियों से सीख

कभी-कभी हम अपने दिनभर, सप्ताह या महीने के प्रयास से खुद ही संतुष्ट नहीं हो पाते। इस दौरान हमें वांछित परिणाम नहीं मिल पाते। ऐसे में हताश या निराश होने की बजाय इस बात पर अच्छी तरह से गौर करना चाहिए कि आखिर हमारे प्रयासों में कमी कहां रह जा रही है। उस कमी को तलाश कर उसे दूर करने का हरसंभव प्रयास करें। छात्र या प्रतियोगी छात्र होने की स्थिति में कई बार यह भी होता है कि किसी खास खंड/सेक्शन में रुचि न होने के कारण हम उसकी अवहेलना कर देते हैं, जबकि परिणाम में उसकी बड़ी भूमिका होती है। ऐसे में अपनी इस कमजोरी पर काबू पाने की कोशिश करें, ताकि उस खंड पर आप अपनी पकड़ बना सकें। इसके लिए थोड़े अतिरिक्त प्रयास की जरूरत होगी।

अति-आत्मविश्वास से दूरी

यह मानव स्वभाव है कि वह कई बार अति-आत्मविश्वास का शिकार हो जाता है। एक परीक्षार्थी या एक वर्किंग प्रोफेशनल अगर इसका शिकार हो जाए, तो उसे कभी भी धोखा खाना पड़ सकता है। मान लीजिए कि सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में किसी प्रश्न के साथ लिखा है कि, ‘इनमें से क्या सही नहीं है’, ऐसे में अगर आपने अतिआत्मविश्वास में या जल्दबाजी में नहीं पर ध्यान नहीं दिया, तो क्या आप सही उत्तर दे पाएंगे। इसी तरह ऑफिस में अगर अपने सीनियर की पूरी बात सुने बिना ही ओवर-कॉन्फिडेंस में आपने जवाब देना शुरू कर दिया, तो लेने के देने नहीं पड़ जाएंगे।

न करें आलोचनाओं की परवाह

कई बार आपके प्रयासों की लोग खिल्ली भी उड़ाते नजर आ सकते हैं, ऐसे में उससे परेशान होने की बजाय उसकी अनदेखी करना ही सबसे उचित रास्ता होता है। याद रखें, एक दिन कामयाब हो जाने पर वही लोग आपकी तारीफ करने में पीछे नहीं रहेंगे। इस तरह की बातों से विचलित होने की बजाय अपने लक्ष्य को पाने के प्रति आपका इरादा और मजबूत होना चाहिए। दंभ से दूरी: दंभ व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। आखिर रावण का विनाश भी तो इसी कारण हुआ न। इसलिए किसी भी तरह की कामयाबी को अपने ऊपर हावी न होने दें। उसके लिए घमंड न करें। अपने पैर जमीन पर रहने दें। दूसरों के साथ विनम्र व्यवहार करें। इस बारे में प्रकृति से भी सीख लें। आखिर वृक्ष जैसे-जैसे बड़ा और फलदार होता है, वह किस तरह झुक जाता है।

न रुकें कदम

जितना जरूरी दंभ से दूर रहना है, उतना ही जरूरी है एक कामयाबी से संतुष्ट होकर बैठ न जाना। एक लक्ष्य की प्राप्ति के बाद दूसरे बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयास करें। कुछ नया सीखें, जानें। अपनी सीखने की प्रवृत्ति को लगातार बढ़ाते रहें। आखिर देश और दुनिया में वक्त के साथ कितना कुछ बदल रहा है। आप भी बहते पानी की तरह आगे बढ़ते हुए लगातार कामयाबी का आनंद लेते रह सकते हैं। इसके साथ ही अपने अनुभवों और ज्ञान को दूसरों के साथ बांटते हुए उनकी जिंदगी से भी अंधियारा दूर करने में मदद करते रहें।

यह भी पढ़ें- Mumbai Metro Recruitment 2019: 1053 पदों पर आवेदन का आखिरी दिन आज, जल्द करें अप्लाई


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.