कैडिला सीएमडी दुष्कर्म मामले में पीड़िता ने मांगी सीबीआई जांच, बिजनेस वीजा पर आकर कर रही है नौकरी
बुल्गारिया की पीड़िता कैडिला कंपनी में नौकरी कर चुकी है तथा कुछ मां-बाप ही उसने कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव मोदी पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। अहमदाबाद ग्रामीण कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य पुलिस ने 1847 पेज की समरी रिपोर्ट पेश की। इस मामले में अहमदाबाद ग्रामीण कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य पुलिस ने 1847 पेज की समरी रिपोर्ट पेश की।
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गुजरात की फार्मा कंपनी कैडिला फार्मास्यूटिकल के अध्यक्ष एवं मुख्य प्रबंधक पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने इस मामले की जांच अब सीबीआई से करने की मांग की है।
बुल्गारिया की पीड़िता कैडिला कंपनी में नौकरी कर चुकी है तथा कुछ मां-बाप ही उसने कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव मोदी पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। अहमदाबाद ग्रामीण कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य पुलिस ने 1847 पेज की समरी रिपोर्ट पेश की।
पीड़िता कुछ दिनों के लिए लौट गई थी विदेश
जिस पर पीड़िता ने सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस ने अहम गवाह एवं सबूत की और ध्यान ही नहीं दिया। पीड़िता के वकील राजेश मिश्रा इससे पहले भी पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठा चुके हैं पीड़िता कुछ दिनों के लिए विदेश लौट गई थी। जिसके चलते पुलिस ने जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए अपनी समरी रिपोर्ट में दुष्कर्म के आरोपी राजीव मोदी को क्लीन चिट प्रदान कर दी थी। अब पीड़िता ने इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के देखरेख में कराने के साथ केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग की है।
अहमदाबाद के श्रम न्यायालय में दी थी अर्जी
इससे पहले अहमदाबाद के श्रम न्यायालय में अर्जी देकर पुन: नौकरी दिलाने की मांग की थी। नवंबर 2022 से अप्रेल 2023 तक वह कैडिला में काम कर चुकी है, उसे फ्लाइट अटेंडेंट के पद पर नियुक्त किया गया था लेकिन काम नहीं होने व बार बार उसके गोवा व मुंबई आदि शहरों में जाने के लिए अवकाश लेने के चलते उसे कंपनी के गेस्ट हाउस पर बटलर का जिम्मा सौंप दिया गया।
कंपनी के सीएमडी पर लगा दुष्कर्म व छेडछाड का आरोप
शुरुआत में पीडिता होटल में रुकी लेकिन उसे बाद में कंपनी के गेस्ट हाउस में ही ठहरने की व्यवस्था की गई। कुछ समय बाद ही उसने कंपनी के सीएमडी व मैनेजर जॉनसन मैथ्यू पर दुष्कर्म व छेडछाड का आरोप लगा दिया। कंपनी ने बकाया रकम देकर बुल्गारियन युवती को नौकरी समाप्त करने का नोटिस भी थमा दिया था। युवती को कंपनी में हर माह करीब 8 लाख रु के वेतन पर रखा गया था, कंपनी की ओर से 5 माह नौकरी का भुगतान कर सभी कानूनी औपचारिकताएएं पूरी कर ली लेकिन एक बार पिफर युवती इसी कंपनी में नौकरी करने की मांग कर रही है।
पीड़िता पहले भी बिजनेस वीजा पर आई थी भारत
गौरतलब है कि पीड़िता पहले भी बिजनेस वीजा पर भारत आई थी और दुबारा पिफर बिजनेस वीजा पर भारत आई हैं, इस बार वीजा का अप्रुवल मुंबई की पिफल्म निर्माण कंपनी ने दिया है। इमिग्रेशन विभाग पहले भी कैडिला से इस संबंध में पूछताछ कर चुका है कि बिजनेस वीजा पर आई युवती यहां क्या काम कर रही है। बिजनेस वीजा पर आकर भारत में नौकरी करना संभव नहीं है लेकिन उसने पहले कैडिला में नौकरी की तथा अब पिफल्म निर्माण कंपनी की आड लेकर भारत में पुन: नौकरी हासिल करना चाहती है।
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