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Lok Sabha Election 2024: किसे मिलेगी जीत कौन होगा चित्त? कुरुक्षेत्र रण में पोलो और बॉक्सिंग के खिलाड़ियों के बीच होगा मुकाबला

Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव का पहला चरण कल से शुरू होगा। इस बीच देश की 102 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है। वहीं हरियाणा में छठे चरण यानी 25 जून को चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टियां लगातार अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर रही है। जहां एक ओर कुरुक्षेत्र सीट से भाजपा के नवीन जिंदल हैं तो वहीं अभय सिंह चौटाला उन्हें टक्कर देंगे।

By Prince Sharma Edited By: Prince Sharma Published: Thu, 18 Apr 2024 09:23 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2024 09:23 AM (IST)
उद्योगपति और राजनेता नवीन जिंदल और इनेलो महासचिव अभय सिंह कुरुक्षेत्र से लड़ेंगे चुनाव

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। Haryana Lok Sabha Election 2024: उद्योगपति और राजनेता नवीन जिंदल जहां पोलो के जबरदस्त खिलाड़ी हैं, वहीं अभय सिंह चौटाला मुक्केबाजी के शौकीन हैं। राजनीति के मैदान में इन दोनों खिलाड़ियों में करीब 20 साल के बाद फिर मुकाबला होने वाला है।

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20 साल बाद फिर चुनावी रण में दोनों खिलाड़ी

20 वर्ष पहले नवीन जिंदल ने अभय चौटाला को चुनावी रण में चित्त किया था। दो बार कांग्रेस की टिकट पर सांसद रहे उद्योगपति नवीन जिंदल को इस बार भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा है तो इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला दूसरी बार ताल ठोंक रहे हैं।

कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र पर चौटाला परिवार की पुरानी नजर है, जबकि उद्योगपति नवीन जिंदल को चुनाव मैदान में उतारकार भाजपा ने तीसरी बार कुरुक्षेत्र का रण जीतने की रणनीति तैयार की है।

2019 में नायब सैनी थे प्रत्याशी

भाजपा साल 2019 में भी नवीन जिंदल को चुनाव लड़वाना चाहती थी, मगर तब वह तैयार नहीं हुए थे। तब मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने टिकट दिलाया और वह जीत गए। उस समय अभय सिंह चौटाला ने अपने बड़े बेटे अर्जुन चौटाला को उतारा था, लेकिन बात नहीं बन पाई थी।

इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला का परिवार कुरुक्षेत्र के चुनाव मैदान में तीसरी बार उतरा है। अभय चौटाला ने साल 2004 में कांग्रेस के नवीन जिंदल (अब भाजपा उम्मीदवार) के मुकाबले चुनाव लड़ा था, मगर हार गए थे।

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अभय चौटाला ने कुरुक्षेत्र के चुनावी रण में इसलिए भी ताल ठोंकी है, ताकि जीटी रोड बेल्ट पर इनेलो के पुराने वर्चस्व को हासिल किया जा सके। इनेलो के टिकट पर प्रो. कैलाशो सैनी लगातार दो बार कुरुक्षेत्र से सांसद रह चुकी हैं। अब वह कांग्रेस की राजनीति करती हैं।

साल 1996 में ओमप्रकाश जिंदल ने मारी थी बाजी

1996 में कैलाशो सैनी ने समता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था और हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के टिकट पर चुनाव लड़े ओमप्रकाश जिंदल (नवीन जिंदल के पिता) ने उन्हे हरा दिया था। अगला चुनाव 1998 में हरियाणा लोकदल (राष्ट्रीय) की टिकट पर लड़ा और जीत दर्ज करा पहली बार संसद में दस्तक दी।

1999 में दूसरी बार इनेलो की टिकट पर जीत हासिल की। तब उन्होंने नवीन जिदंल के पिता ओमप्रकाश जिंदल को हराकर पुरानी हार का बदला लिया था। नवीन जिंदल (Naveen Jindal) ने 2004 में पहला चुनाव कांग्रेस की टिकट पर लड़ा और इनेलो के अभय चौटाला को हराया था।

जब हैट्रिक के लिए कांग्रेस ने नवीन को उतारा मैदान में

2009 के लोकसभा चुनाव में नवीन जिंदल से हार का बदला लेने के लिए इनेलो ने पार्टी के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा (अब कांग्रेस) को चुनावी मैदान में उतारा। जिंदल ने उन्हे हरा दिया। 2014 में जीत की हैट्रिक के लिए कांग्रेस की टिकट पर नवीन जिंदल फिर से मैदान में आए।

लेकिन मोदी लहर के चलते वह तीसरे स्थान पर सरक गए। इस चुनाव में भाजपा की टिकट पर राजकुमार सैनी ने जीत हासिल की थी। 2019 के चुनाव से जिंदल ने खुद को अलग कर लिया था।

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