'कारण बताओ...', हिमाचल में इस्तीफा देने वाले तीन निर्दलीय MLA को विधानसभा अध्यक्ष ने जारी किया नोटिस
Himachal Pradesh Politics हिमाचल प्रदेश में तीन निर्दलीय विधायकों का पेंच अभी भी फंसा हुआ है। शिमला (Shimla Latest News) के तीन निर्दलीय विधायकों होशियार सिंह केएल ठाकुर और आशीष शर्मा के विधानसभा से इस्तीफे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस बाबत अधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
पीटीआई, शिमला। पिछले सप्ताह विधानसभा से इस्तीफा देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
अधिकारियों के मुताबिक, निर्दलीय विधायकों को 10 अप्रैल तक जवाब दाखिल करना होगा। विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा ने निर्दलीय विधायकों को नोटिस जारी होने की पुष्टि करते हुए पीटीआई-भाषा को बताया कि कांग्रेस विधायक दल ने कहा है कि तीनों विधायकों ने स्वेच्छा से नहीं, बल्कि दबाव में इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इन तीन विधायकों ने दिया इस्तीफा
हमीरपुर से आशीष शर्मा, देहरा से होशियार सिंह और नालागढ़ से केएल ठाकुर ने छह अयोग्य कांग्रेस विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होने से एक दिन पहले 22 मार्च को अपना इस्तीफा सौंपा था। हाल ही में हिमाचल में हुए राज्यसभा चुनाव में सभी नौ विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया था।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा था कि निर्दलीय विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, लेकिन उन्होंने अपने कारणों का हवाला नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि इसे रिकॉर्ड किया जाएगा और आवश्यक प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
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कांग्रेस विधायक और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह नौ विधायकों के खिलाफ मुखर हैं और उन्होंने भाजपा पर विधायकों पर दबाव डालने का आरोप लगाया है। कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने भी छह पूर्व कांग्रेस नेताओं में से एक, हमीरपुर के निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा के खिलाफ चुनावी अपराध, रिश्वतखोरी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया है।
विधायकों ने भाजपा से मांगा था टिकट
तीनों निर्दलीय उम्मीदवारों ने 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा से टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया और उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा। बाद में जब कांग्रेस ने 40 विधायकों के साथ सरकार बनाई तो तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार का समर्थन किया था। हालांकि, पिछले महीने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह बागियों के साथ तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था।
कांग्रेस के बागी विधायकों को कटौती प्रस्ताव और बजट के दौरान सदन में उपस्थित रहने और सत्तारूढ़ कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के व्हिप का उल्लंघन करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वे भी भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें उनकी संबंधित विधानसभा सीटों से विधानसभा टिकट दिए गए।
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