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Mukhtar Ansari की मौत के बाद जुमे की नमाज को लेकर पूर्वांचल में अलर्ट, गाजीपुर पहुंचे वाराणसी के DIG

Mukhtar Ansari death गुरुवार रात जैसे ही मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने के बाद बांदा जेल से मेडिकल कालेज ले जाने की सूचना मिली वैसे ही लोगों की भीड़ पैतृक आवास फाटक पर जुटनी शुरू हो गई। मौत की पुष्टी होते ही जनपद में सुरक्षा-व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। डीआईजी ओमप्रकाश सिंह स्वयं सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने गाजीपुर पहुंचे।

By Avinash Singh Edited By: Aysha Sheikh Published: Fri, 29 Mar 2024 11:32 AM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2024 11:49 AM (IST)
Mukhtar Ansari की मौत के बाद जुमे की नमाज को लेकर पूर्वांचल में अलर्ट, गाजीपुर पहुंचे वाराणसी के DIG
मुख्तार की मौत के बाद जुमे की नमाज को लेकर पूर्वांचल में अलर्ट, गाजीपुर पहुंचे वाराणसी के DIG

जागरण संवाददाता, गाजीपुर। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद जुमे की नमाज को लेकर आज शुक्रवार को पूर्वांचल की पुलिस अलर्ट की गई है। खासकर गाजीपुर, मऊ ,वाराणसी, बलिया, आजमगढ़, चंदौली व भदोही में विशेष सतर्कता के आदेश है।

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पुलिस अधिकारी रात में सड़कों पर पूरी रात निगरानी करते रहे। डीआइजी वाराणसी ओमप्रकाश सिंह देर रात जनपद के मुहम्मदाबाद स्थित मुख्तार अंसारी के पैतृक घर फाटक पर पहुंचे। वहां उन्होंने स्वजन से बात की और उनके परिवार के कालीबाग कब्रिस्तान को देखा।

गुरुवार रात जैसे ही मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने के बाद बांदा जेल से मेडिकल कालेज ले जाने की सूचना मिली वैसे ही लोगों की भीड़ पैतृक आवास फाटक पर जुटनी शुरू हो गई। मौत की पुष्टी होते ही जनपद में सुरक्षा-व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है।

डीआईजी ओमप्रकाश सिंह स्वयं सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने गाजीपुर पहुंचे और मुहम्मदाबाद नगर सहित जनपद के विभिन्न क्षेत्रों का जायजा लिया। डीएम आर्यका अखौरी और एसपी ओमवीर सिंह से सुरक्षा की तैयारियों को लेकर बातचीत की। जनपद के अलावा मऊ, जौनपुर, आजमगढ़, चंदौली आदि में भी जुमे के नमाज को लेकर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

ना प्रशासन का खौफ, ना कानून की परवाह, नाम मुख्तार अंसारी

वर्ष 2005 में दंगे की आग में झुलस रहे मऊ के सन्नाटा सड़कों में बीच सड़कों पर खुली जीप में हथियार लहराते और मूछों पर ताव देने वाले माफिया मुख्तार अंसारी को ना तो प्रशासन का खौफ था और ना ही कानून की चिंता। सत्ता में गहरी पैठ जमाकर रखने वाले मुख्तार ने पिछले 18 साल से सलाखों के पीछे से भी अपराध के साम्राज्य का इस कदर विस्तार कर डाला कि वर्ष 2017 से पहले तक उसके नाम का सिक्का पूरे पूर्वांचल में चलता रहा।

25 अक्टूबर 2005 को वह अपनी जमानत रद्द कराकर जेल चला गया। इसके ठीक महीने भर बाद भाजपा विधायक कृष्णानंद राय को गोलियों से भून दिया गया। मामले की जांच देश सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपी, लेकिन वह मुख्तार और बाकी आरोपितों को कोर्ट में दोषी नहीं साबित कर पाई।

मुख्तार की सियासी पहुंच का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह कभी बसपा, कभी सपा तो कभी निर्दल अपने और अपने परिवार का सियासी भविष्य को सुरक्षित रखते हुए गाजीपुर के साथ ही मऊ, बनारस सहित अन्य जिलों में अपने राजनीतिक रंग को चटक करता रहा।

पत्नी अफ्शा अंसारी पर भी 50 हजार का इनाम

माफिया मुख्तार की पत्नी अफ्शा अंसारी पर भी 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है। कई जिलों की पुलिस टीमें उसकी तलाश में लगी है, लेकिन वह अभी तक हाथ नहीं आ सकी है। मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शा अंसारी पर विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाकर फर्जीवाड़ा करने के मामले में मुकदमा दर्ज है। इसी मुकदमे में वह फरार चल रही है।

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