ओडिशा में तत्काल प्रभाव से समुद्र में मछली पकड़ने पर लगा 2 महीने का प्रतिबंध, पढ़ें आखिर क्यों लिया गया यह फैसला
ओडिशा में तत्काल प्रभाव से समुद्र में मछली पकड़ने पर 2 महीने का प्रतिबंध लगा दिया गया है। 14 जून तक यानी 61 दिन के लिए यह पाबंदी लगी रहेगी। मछलियों के प्रजनन काल को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। मत्स्य संपदा के संरक्षण के उद्देश्य से प्रति वर्ष यह प्रतिबंध केन्द्र सरकार का मत्स्य मंत्रालय लगाता है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राज्य सरकार ने सोमवार को ओडिशा के पूरे समुद्र तट के साथ नदी मुहानों पर मछली पकड़ने पर तत्काल प्रभाव से दो महीने 14 जून तक यानी 61 दिन के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इस समय के दौरान मछलियों का प्रजनन होता है। ऐसे में प्रतिवर्ष केन्द्र सरकार का मत्स्य मंत्रालय मछुआरों के समुद्र में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाता है।
तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का निर्देश
इसी के तहत ओडिशा मत्स्य निदेशालय ने गंजाम, कुजंग, बालेश्वर, पुरी के अतिरिक्त मत्स्य अधिकारी (समुद्री) और बालुगांव के जिला मत्स्य अधिकारी को लिखे एक पत्र में मत्स्य संसाधनों के संरक्षण और प्रभावी प्रबंधन के लिए मछली पकड़ने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है।
जानकारी के मुताबिक, मत्स्य संपदा के संरक्षण के उद्देश्य से प्रति वर्ष यह प्रतिबंध लगाया जाता है। केवल साढ़े आठ मीटर लम्बे पारंपरिक नाव को इस प्रतिबंध से अलग रखा गया है। सरकार ने ओडिशा मेराइन फिसिंग रेगुलेशन एक्ट को सख्ती के साथ अनुपालन करने को कहा है।
इस वजह से लगाई गई पाबंदी
यहां उल्लेखनीय है कि मानसून आने से पहले मछलियों का प्रजनन ऋतु प्रारंभ होता है। मछलियों के प्रजनन के लिए यह समय अनुकुल होता है। मछलियां अंडा देती हैं। मछलियों के बढ़ने में 3 से 4 महीने का समय लगता है। इससे पहले ही प्रतिबंध को हटा दिया जाता है, जिससे मछलियों का आकार काफी छोटा रहता है।
इस समय में समुद्र में ट्रालर, गिलेटिन आदि का चलाचल शुरू हो जाता है, जिससे लाखों की संख्या में मछलियां मर जाती हैं। मछुआरे बड़ी मछली के बदले छोटी मछली लाते हैं। मछली उत्पादन कम होता है, जिससे ट्रालर मालिक, मछुआरे, व्यापारियों को नुकसान होता है।
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