Stock Market Closing: निफ्टी 17,650 के नीचे, सेंसेक्स 337 अंक गिरा, लाल निशान पर बंद हुए बाजार
अमेरिकी मुद्रास्फीति से निपटने के लिए फेड द्वारा दरों में बढ़ोतरी के दबाव से आज बाजार में कारोबार बहुत मंदा रहा। वहीं डॉलर इंडेस्क्स के बीस साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने के बाद रुपये में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) द्वारा ब्याज दरों में 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी के बाद 22 सितंबर को बेंचमार्क सूचकांक लगातार दूसरे सत्र में कमजोर हो गए। अंतिम कारोबारी सत्र में सेंसेक्स (Sensex) 337.06 अंक या 0.57 फीसद नीचे आकर 59119.72 और निफ्टी (Nifty) 88.50 अंक या 0.50 फीसद नीचे 17629.80 पर बंद हुआ।
आज के कारोबार में लगभग 1793 शेयरों में तेजी आई, 1565 शेयरों में गिरावट आई और 137 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। इलेक्ट्रिसिटी को छोड़कर, एफएमसीजी और ऑटो अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स एक प्रतिशत से अधिक गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स सकारात्मक नोट पर बंद हुए।
बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका में मुद्रास्फीति अभी 8 फीसद से ऊपर है। इसका मतलब है कि दरों में बढ़ोतरी जारी रहने की संभावना है। फेड का डॉट प्लॉट अब 2024 से पहले दरों में कटौती का संकेत नहीं दे रहा है। इस तथ्य का बाजार पर बहुत नकारात्मक असर पड़ा है।
टॉप गेनर्स और लूजर्स
पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोल इंडिया और एचडीएफसी निफ्टी के लूजर्स में शामिल थे। जबकि टाइटन , एचयूएल, एशियन पेंट्स, आयशर मोटर्स और मारुति सुजुकी शामिल हैं। 30 शेयरों वाले सेंसेक्स पैक में पावर ग्रिड, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर गिरे। दूसरी ओर टाइटन, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स, मारुति और आईटीसी के शेयरों में बढ़त देखी गई।
दुनिया के बाजारों का कैसा रहा हाल
सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग के बाजार निचले स्तर पर बंद हुए। मध्य सत्र के सौदों में यूरोपीय शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। बुधवार को अमेरिकी बाजार कमजोरी पर बंद हुए थे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि फेड 2022 के अंत तक अपनी ब्याज दर को 4.4 प्रतिशत तक बढ़ाने के अनुमान से अधिक कठोर हो गया है। संकेत यह है कि इस वर्ष होने वाली अगली 2 पॉलिसी मीटिंग में 125 बीपीएस अधिक दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है। भारतीय शेयर बाजार सीमित गिरावट के साथ अपने लचीलेपन को बनाए रखने में कामयाब हुआ लेकिन , लेकिन अगर रुपये में कमजोरी जारी रही तो घरेलू बाजार विदेशी निवेशकों के लिए कम आकर्षक हो जाएगा, जिससे बाजार में कारोबार पर बुरा असर होगा।
रुपये में जबदरस्त गिरावट
रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 99 पैसे की गिरावट के साथ अब तक के सबसे निचले स्तर 80.95 (अनंतिम) पर बंद हुआ।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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