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Maharashtra: नगर परिषद के साइनबोर्ड से उर्दू भाषा हटाने की मांग, हाई कोर्ट ने दिया यह आदेश

बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने महाराष्ट्र की आधिकारिक मराठी भाषा के साथ किसी अन्य भाषा में नगरपालिका परिषदों के साइनबोर्ड लगाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। न्यायमूर्ति अविनाश घरोटे और न्यायमूर्ति एम एल जावलकर की खंडपीठ ने इस याचिका को खारिज किया। कोर्ट ने कहा कि आधिकारिक भाषा के अलावा किसी भी भाषा के इस्तेमाल पर कोई रोक नहीं है।

By Agency Edited By: Anurag GuptaPublished: Fri, 12 Apr 2024 03:44 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2024 03:44 PM (IST)
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच का फैसला (फाइल फोटो)

पीटीआई, नागपुर। महाराष्ट्र की आधिकारिक मराठी भाषा के साथ किसी अन्य भाषा में नगरपालिका परिषदों के साइनबोर्ड लगाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने शुक्रवार को यह टिप्पणी की।

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क्या है पूरा मामला?

पातुर नगर परिषद के साइनबोर्ड में मराठी के साथ इस्तेमाल किए गए उर्दू भाषा वाले साइनबोर्ड को हटाने की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी। नागपुर बेंच ने 10 अप्रैल को इस याचिका को खारिज कर दिया।

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न्यायमूर्ति अविनाश घरोटे और न्यायमूर्ति एम एल जावलकर की खंडपीठ ने इस याचिका को खारिज किया। कोर्ट ने कहा,

आधिकारिक भाषा के अलावा किसी भी भाषा के इस्तेमाल पर कोई रोक नहीं है।

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वर्षा बागड़े ने याचिका दायर कर तत्काल कार्रवाई की मांग की। वर्षा बागड़े ने हवाला दिया कि नागरिक अधिकारियों के साइनबोर्ड पर मराठी के अलावा कोई भी भाषा महाराष्ट्र स्थानीय प्राधिकरण (आधिकारिक भाषा) अधिनियम, 2022 के तहत निषिद्ध है।


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