Move to Jagran APP

Open Letter: पीएम मोदी को खुला खत लिखने वालों पर 59 जानी-मानी हस्तियों का पलटवार

mob lynching. जानी-मानी हस्तियों ने एक खुले पत्र में भीड़ हिंसा पर पीएम मोदी को पत्र लिखने वाली हस्तियों को देश का स्वयंभू गार्जियन करार देते हुए तंज कसा।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 07:21 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 07:21 PM (IST)
Open Letter: पीएम मोदी को खुला खत लिखने वालों पर 59 जानी-मानी हस्तियों का पलटवार

मुंबई, प्रेट्र। भीड़ हिंसा के खिलाफ तीन दिन पहले कुछ बुद्धिजीवियों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र के जवाब में शुक्रवार को 59 जानी मानी हस्तियों ने भी पत्र लिखा और दुष्प्रचार करने वालों पर जमकर हमला बोला। बता दें कि 23 जुलाई को 49 लोगों ने मोदी सरकार में हो रही भीड़ हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था।

loksabha election banner

उस पत्र पर पलटवार करते हुए 59 जानी मानी हस्तियों ने एक खुले पत्र में भीड़ हिंसा पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वाली हस्तियों को देश का 'स्वयंभू गार्जियन' करार देते हुए तंज कसा। उन्होंने कहा कि उनका स्पष्ट राजनीतिक एजेंडा है और वे राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। उनका राजनीति झुकाव स्पष्ट है। उनका उद्देश्य दुनिया में भारत की छवि खराब करना है। उन्होंने झूठे आरोप लगाए और लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश की है। उनका इस तरह पत्र लिखना अंतराराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि, प्रधानमंत्री के कामकाज के कारगर तरीके, राष्ट्रीयता और मानवता के खिलाफ है, जो भारतीयता के मूल्यों में शामिल है।

पत्र में इन्होंने सवाल उठाया कि जब आदिवासी और गरीबों को नक्सलियों द्वारा निशाना बनाया जाता है तब ये बुद्धिजीवी चुप क्यों रहते हैं। उन्होंने कहा, जब कश्मीर में अलगाववादीं स्कूल बंद करवाते हैं तो वे चुप हो जाते हैं। जब देश के विश्वविद्यालयों में अलगाववादी देश के टुकड़े-टुकड़े के नारे लगाते हैं तो वे चुपी साध लेते हैं। कैराना में हिंदुओं के पलायन पर वे कुछ नहीं बोलते।

उन्होंने उनके पत्र की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका एजेंडा साफ है। वे भारत को तोड़ने वालों के हाथों में खेल रहे हैं।

संविधान ने हमें असहमति जताने का अधिकार दिया है, न कि भारत को तोड़ने की कोशिश करने का। लोगों का यह समूह महिलाओं को समानता का हक दिलाने और तीन तलाक के पक्ष में कभी खड़ा नहीं हुआ।

ऐसा लगता है कि अभिव्यक्ति की आजादी के सामने विरोध करने वालों के लिए देश की एकता और अखंडता के कोई मायने नहीं हैं। वैचारिक रूप से उनका अलगाववादियों, घुसपैठियों और आतंकियों के समर्थन का रिकॉर्ड रहा है, इसलिए उनके अंदर विरोध की भावना है जबकि मोदी सरकार सबका साथ सबका विकास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है और प्रधानमंत्री स्वयं उन्मादी भीड़ की घटनाओं की आलोचना कर चुके हैं।

इन हस्तियों ने लिखा खुला पत्र 

इस पत्र को लिखने वाली हस्तियों में क्लासिकल डांसर और सांसद सोनल मानसिंह, पंडित विश्व मोहन भट्ट, विश्वभारती शांतिनिकेतन के देवाशीष भट्टाचार्य, अवध विश्वविद्यालय के उपकुलपति मनोज दीक्षित, डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के अनिर्बन गांगुली, शिक्षाविद राधारमन चक्रवर्ती, फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर, विवेक अग्निहोत्री, अभिनेता विवेक ओबेरॉय, बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट, गीतकार प्रसून जोशी, पत्रकार स्वपनदास गुप्ता, अभिनेता विश्वजीत चटर्जी, अभिनेत्री पल्लवी जोशी, गायिका मालिनी अवस्थी तथा फिल्म निर्माता सौकत मुखर्जी शामिल हैं।

पहले 49 हस्तियों ने क्या लिखा था

इससे पहले देश के अलग-अलग क्षेत्रों की 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखकर यह अपील की थी कि मुस्लिमों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ भीड़ हिंसा तत्काल प्रभाव से रुकनी चाहिए। इस पत्र पर फिल्म निर्माता अडूर गोपाल कृष्णन, अपर्णा सेन, गायिका शुभा मुदगल, इतिहासकार रामचंद्र गुहा, अभिनेता सौमित्र चटर्जी, अभिनेत्री रेवती, सामाजिक कार्यकर्ता विनायक सेन, समाजशास्त्री आशीष नंदी, अभिनेत्री कोंकणा सेन, फिल्मकार श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप और मणि रत्‍‌नम शामिल थे।

यह भी पढ़ेंः असहिष्णुता पर बुद्धिजीवियों ने पीएम मोदी को लिखा खुला पत्र

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.