यलगार परिषद मामले के नौ आरोपी NIA कोर्ट में पेश, सुनवाई टली
Yalgar Parishad Case यलगार परिषद मामले में नौ आरेापियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया मामले की सुनवाई 13 मार्च तक टाल दी गयी है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। पुणे के यलगार परिषद मामले के नौ आरोपियों को शुक्रवार को मुंबई स्थित विशेष एनआईए अदालत में विशेष जज डी.ई.कोठालिकर की अदालत में पेश किया गया। जज ने मामले की सुनवाई 13 मार्च तक के लिए टाल दी है। एनआईए ने पिछले महीने ही यह मामला पुणे पुलिस से अपने हाथ में लिया था। इसके बाद दो दिन पहले ही इस मामले के नौ आरोपियों सुरेंद्र गडलिंग, महेश राऊत, रोना विल्सन, सुधीर धवले, वरवर राव, अरुण फरेरा, सुधा भारद्वाज, शोमा सेन एवं वरनन गोंसाल्विस को पुणे की यरवदा जेल से मुंबई लाया गया। इन्हें आज पहली बार विशेष एनआईए अदालत में पेश किया गया।
ये सभी आरोपी इस मामले में नामजद कुल 11 आरोपियों में शामिल हैं। जबकि इसी मामले में नामजद गौतम नौलखा एवं आनंद तेलतुंबड़े अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। मुंबई उच्चन्यायालय इन दोनों की भी अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर चुका है। लेकिन उन्हें चार सप्ताह का समय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के लिए दिया गया है। पुणे पुलिस ने उक्त सभी आरोपियों पर 31 दिसंबर, 2017 को पुणे के शनिवारवाड़ा के बाहर सम्मेलन कर भड़काऊ भाषण करने के आरोप लगाए हैं।
पुलिस का मानना है कि यह सम्मेलन माओवादियों के आर्थिक सहयोग से आयोजित किया गया, और इसमें दिए गए भड़काऊ भाषणों के फलस्वरूप ही एक दिन बाद एक जनवरी, 2018 को पुणे के बाहरी इलाके में स्थित भीमा-कोरेगांव युद्ध स्मारक पर जातीय हिंसा भड़की, जिसमें एक व्यक्ति की जान गई और लाखों का नुकसान हुआ। इस मामले की जांच के बाद पुलिस दो चरणों में नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इन सभी के संबंध माओवादी संगठनों से बताए जाते हैं। जबकि अभी पुलिस की पकड़ से बाहर गौतम नौलखा के संबंध तो कश्मीरी आतंकवादियों से होने की आशंका भी पुलिस ने जताई है। इन सभी पर प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप है।
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