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Coronavirus Maharashtra: नागपुर में नौ नये कोरोना मरीजों की पुष्टि, राज्‍य में और बढ़ी संक्रमितों की संख्‍या

Maharashtra Coronavirus News Update नागपुर में नौ नये कोरोना संक्रमण के मामले सामने आये हैं सबसे अधिक केस मुंबई से आ रहे हैं यहां आंकड़ा 2100 पार कर चुका है ।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2020 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2020 01:08 PM (IST)
Coronavirus Maharashtra: नागपुर में नौ नये कोरोना मरीजों की पुष्टि, राज्‍य में और बढ़ी संक्रमितों की संख्‍या
Coronavirus Maharashtra: नागपुर में नौ नये कोरोना मरीजों की पुष्टि, राज्‍य में और बढ़ी संक्रमितों की संख्‍या

मुंबई, जेएनएन। नागपुर में रविवार को नौ नये कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है, जिला सूचना कार्यालय, नागपुर के अनुसार जिले में कुल संक्रमितों की संख्‍या 72 तक पहुंच चुकी है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिऐ शारिरिक दूरी के नियम को ताक पर रखते हुए, नागपुर की सब्‍जी मंडी में लोग खरीदारी करते दिखे ।

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गौरतलब है महाराष्ट्र में शनिवार को 328 नये मामलेे दर्ज हुए थे, स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्‍य में कुल संक्रमितों की संख्‍या 3648 तक पहुंच गयी जिसमें मुंबई में सबसे अधिक 184 और पुणे में 78 मामले दर्ज किये गये। मुंबई में अब तक कोरोना पॉजिटिव रोगियों की संख्या 2100 से ऊपर एवं इससे हुई मौतें 125 से ऊपर पहुंच चुकी हैं। 

कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित, सर्वाधिक चर्चित धारावी की एक इमारत में वीरवार की शाम एक युवक को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। उसे निकट के ही साई हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती किया गया और उसकी तीन विंग वाली सोसायटी को कंटेनमेंट एरिया घोषित कर सील कर दिया गया। उस युवक की ससुराल धारावी के ही दूसरे छोर पर है। वहां उसकी सास और साले को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। उसके परिवार में उसके साथ ही रहने वाली उसकी बहन अपने बेटे और बेटी के साथ हाल ही में दुबई से लौटी है। स

इसके बावजूद न तो वीरवार से अब तक युवक की दुबई से लौटी बहन का कोई टेस्ट हुआ है, न ही उसके परिवार के अन्य सदस्यों का। ऐसी ही एक घटना वरली जी-दक्षिण वार्ड की है। वहां बेस्ट के एक कंडक्टर का चचेरा भाई इन दिनों उसके साथ ही रहकर भोजन कर रहा था। बुखार-जुकाम की शिकायत होने पर बीएमसी के केईएम हॉस्पिटल में जांच के लिए सैंपल देकर आया। शुक्रवार को पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव है। इसकी सूचना उसने पुलिस को दी। फिर भी एंबुलेंस आने में छह घंटे लगे। एंबुलेंस कोरोना पॉजिटिव पाए गए उसके भाई को तो ले गई। लेकिन परिवार में किसी की न तो जांच हुई, न ही किसी के हाथ पर क्वारंटाइन का ठप्पा लगाकर तारीख लिखी गई। सिर्फ इतना कहा गया कि कोई परेशानी हो, तो बताइयेगा।  

ये दो उदाहरण यह बताने के लिए काफी हैं कि जिस मुंबई में 12 अप्रैल को 2017, 13 अप्रैल को 150, 14 अप्रैल को 204 एवं 15 अप्रैल को 183 कोरोना पॉजिटिव मामले पाए गए, वहां पिछले दो दिन से मुंबई में यह संख्या अचानक कम हो गई है। 16 अप्रैल को 107, और 17 अप्रैल को सिर्फ 77 मामले सामने आए। मुंबई महानगरपालिका ने अपनी जांच प्रक्रिया में यह बदलाव 12 अप्रैल को किया है। इसका विरोध होने पर 15 अप्रैल को आईसीएमआर के कुछ नियम जांच प्रक्रिया में और शामिल कर लिए गए। लेकिन पूरी तरह उसका पालन फिर भी शुरू नहीं हुआ।

भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इसी पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि यह लापरवाही अत्यंत घनी आबादी वाली मुंबई पर भारी पड़ सकती है। लेकिन उनके विरोध को सत्तारूढ़ पार्टियों द्वारा सिर्फ एक विपक्षी दल का विरोध के लिए किया जानेवाला विरोध माना जा रहा है। चूंकि मुंबई महानगरपालिका की सत्ता पूरी तरह से शिवसेना के हाथ में ही है, जो  पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद दो अन्य दलों के साथ राज्य की भी सत्ता पाने में कामयाब रही है।  

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