Lockdown Effect: आम पर पड़ी लॉकडाउन की मार, नहीं मिल रहे खरीदार; कारोबारी परेशान
लॉकडाउन का असर आम के कारोबार पर भी दिख रहा है ग्राहक घर से बाहर नहीं निकल रहा है जिससे व्यापारी परेशान है।
मुंबई, एएनआइ। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लागू है जिसके चलते आम का कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। नासिक के एक व्यापारी का कहना है, "इस साल कोरोना वायरस के कारण आम के व्यापार को काफी नुकसान पहुंच रहा है, लॉकडाउन के कारण ग्राहक बाजार में नहीं आ रहा है, जिससे हम लोग कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं।"
गौरतलब है कि पहले ओला और बारिश के कारण आम का बौर गिर गया था, लेकिन जब आम की फसल तैयार हो गयी तो कोरोना वायरस के कारण किसान और व्यापारी इसके न बिकने से परेशान है। महाराष्ट्र के रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग की तरह कई जिलों में तैयार होने वाला अल्फांसो आम मार्च में ही तैयार हो जाता है और मार्च से जून तक बाजार में रहता है। अल्फांसों आम की विदेशों में भी बहुत मांग है लेकिन कोरोनावायरस के कारण आम के निर्यात पर भी पाबंदी लगी हुई है।
रत्नागिरी के आम उत्पादक पूरे साल इन तीन-चार महीनों का बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि पूरे साल की कमाई इन महीनों में ही हो जाती है लेकिन कोरोना के कारण सब बर्बाद हो गया है। आम तैयार है लेकिन इसे बेच नहीं पा रहे हैं इस आम की मां विदेश में सबसे अधिक है लेकिन इसे निर्यात नहीं कर पा रहे हैं।
लॉकडाउन के कारण पेड़ से आम को तोड़ने वाले मजदूर नहीं मिल रहे हैं, मजदूरों की कमी के कारण न तो छटाई हो पा रही है और न ही इनकी पैकिंग। किसानों का आम आसपास की मंडियों में भी नहीं पहुंच पा रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो 70 से 80 प्रतिशत तक का नुकसान हो जाएगा। हर साल उत्तर प्रदेश से भी करीब ढाई सौ टन आम की सप्लाई दूसरे देशों को की जाती है लेकिन इस पर किसान काफी में रहेगा।