Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ujjain Fire Case: महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान कैसे लगी थी आग, जांच में हुआ बड़ा खुलासा

    Updated: Fri, 29 Mar 2024 06:00 AM (IST)

    रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घटना के समय मंदिर में तैनात सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारियों प्रोटोकाल कर्मियों अधिकारियों और कुछ पुजारियों ने अपनी जिम्म ...और पढ़ें

    Hero Image
    महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आग भभकने से पुजारी, सेवकों सहित कुल 14 लोग घायल हो गए थे।

    जागरण न्यूज नेटवर्क, उज्जैन। बीते सोमवार को धुलेंडी (रंगपर्व) पर भस्म आरती के दौरान महाकाल मंदिर के गर्भगृह में लगी आग के मामले में मजिस्टि्रयल जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में केमिकल युक्त तथा अधिक मात्रा में गुलाल से आग लगने की पुष्टि हुई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घटना के समय मंदिर में तैनात सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारियों, प्रोटोकाल कर्मियों, अधिकारियों और कुछ पुजारियों ने अपनी जिम्मेदारी की अनदेखी की। केमिकलयुक्त गुलाल का भीतर आना, फिर आरती के दौरान उसे उड़ाया जाना, इस बात की पुष्टि करता है। फिलहाल जांच रिपोर्ट में किसी के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है। कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा कि जिस-जिस स्तर पर लापरवाही हुई है, उन सभी जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।

    फिलहाल सुरक्षा एजेंसी, कर्मचारियों, अधिकारियों और कुछ पुजारियों को नोटिस जारी कर उनके बयान लिए जाएंगे। इसके अलावा गुलाल भीतर ले जाने और उड़ाने वालों को भी चिह्नित किया जा रहा है। कलेक्टर के अनुसार फिलहाल जांच जारी रहेगी।

    उल्लेखनीय है कि गर्भगृह में आग भभकने से पुजारी, सेवकों सहित कुल 14 लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मजिस्टि्रयल जांच के आदेश दिए थे। गुरुवार को जांच अधिकारियों ने प्रारंभिक रिपोर्ट कलेक्टर नीरज सिंह को सौंपी। कलेक्टर ने बताया कि केमिकलयुक्त गुलाल पीछे से उड़ाया गया था, जो जलते कपूर की थाली के संपर्क में आया और इसी से आग भभकी। गुलाल में कौन से केमिकल थे, इसकी जांच कराई जा रही है।

    घटना के दौरान एक निकास द्वारा भी 15 मिनट तक बंद रहा था। इसमें भी कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। मंदिर समिति ने दो क्विंटल हर्बल गुलाल तैयार किया था। यह धुलेंडी के लिए था। गर्भगृह में चार से पांच किलो गुलाल ले जाने की व्यवस्था थी। मगर यहां भी नियम तोड़ा गया। अब मंदिर समिति सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का सख्ती से पालन कराएगी।

    कलेक्टर ने बताया कि महाकाल मंदिर में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कई स्तर पर काम होंगे। व्यवस्थाओं में बड़ा बदलाव करने की तैयारी है। फिलहाल तीन सदस्यीय दल काशी विश्वनाथ, तिरुपति बालाजी, शिर्डी और सोमनाथ जैसे मंदिरों का दौरा कर वहां की व्यवस्थाएं देखेगा।