काम की खबर: रिजर्वेशन है फिर भी ट्रेन में नहीं कर पाए आरामदायक सफर, यात्रियों ने यहां कर दी शिकायत; अब मिलेगा इतना मुआवजा
मामला साल 2019का था जिसको लेकर अब इंदौर के जिला उपभोक्ता आयोग ने फैसला सुनाया है। मामला यह था कि दिगंबर जैन समाज के 256सदस्यों ने शिप्रा एक्सप्रेस ट्रेन में इंदौर से धनबाद तक के लिए आरक्षण करवाया था। सभी यात्री तय समय पर इंदौर स्टेशन पहुंचे और आरक्षित सीटों पर बैठ गए। यात्रियों ने उन्हें समझाया कि ये आरक्षित सीटें हैं तो उन्हें जान से मारने की धमकी मिली।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। एक सुखद यात्रा के लिए मध्यम वर्ग के लोग रेल यात्रा के बारे में सोचते हैं। इस वजह से कहीं जाना तय होते ही लोग महीनों पहले ही टिकट बुक करवा लेते हैं ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। इसके बावजूद भी कई बार लोग रेलवे की लापरवाही की वजह से परेशान होते हैं।
एक ऐसा ही मामला साल 2019 का था जिसको लेकर अब इंदौर के जिला उपभोक्ता आयोग ने फैसला सुनाया है। मामला यह था कि दिगंबर जैन समाज के 256 सदस्यों ने शिप्रा एक्सप्रेस ट्रेन में इंदौर से धनबाद तक के लिए आरक्षण करवाया था। इनको 22 जनवरी 2019 को रात करीब 11.30 बजे इंदौर स्टेशन से बैठना था। सभी यात्री तय समय पर इंदौर स्टेशन पहुंचे और आरक्षित सीटों पर बैठे।
युवाओं ने दे डाली थी जान से मारने की धमकी
यात्रा संयोजक राहुल सेठी के मुताबिक सभी यात्री अपनी-अपनी सीटों पर बैठे थे कि अचानक उत्तर प्रदेश-बिहार के युवाओं की भीड़ स्टेशन पहुंची। वे जबरन आरक्षित डिब्बों में घुसे और उन्होंने सीटों पर बैठे दिगंबर समाज के सदस्यों को बलपूर्वक सीट से उठा दिया। यात्रियों ने उन्हें समझाया कि ये आरक्षित सीटें हैं तो युवाओं ने उन्हें जान से मारने की धमकी दे डाली।
यात्रियों ने जिला उपभोक्ता आयोग से की थी शिकायत
जिसके बाद यात्रियों ने सभी यात्रियों ने इसकी शिकायत रेलवे के अधिकारियों से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद जिला उपभोक्ता आयोग में रेलवे के खिलाफ शिकायत दायर किया गया। रेलवे की लापरवाही के चलते इंदौर से शिखरजी की यात्रा पर निकले 256 यात्री शिप्रा एक्सप्रेस में आरक्षण के बावजूद आरामदायक यात्रा नहीं कर सके थे। यह सुरक्षा चूक रेलवे को भारी पड़ी।
जिला उपभोक्ता आयोग ने रेलवे को दिया यह आदेश
इस मामले को लेकर जिला उपभोक्ता आयोग ने रेलवे को आदेश दिया कि वह प्रत्येक यात्री को पांच-पांच हजार रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करे। इसके अलावा रेलवे को 10 हजार रुपये परिवाद व्यय के रूप में भी देना होंगे।