Amit Shah: कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में रैली को संबोधित करेंगे अमित शाह, आंचलकुंड दादा दरबार का कार्यक्रम टला
माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के साथ-साथ राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की नजर छिंदवाड़ा जिले पर टिकी हुई है। ऐसे में तमाम राजनीतिक दलों ने विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
भोपाल, एजेंसी। मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छिंदवाड़ा में आज एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में विजय संकल्प रैली के साथ अमित शाह का पूरा फोकस आदिवासी वोटबैंक पर रहेगा। अमित शाह छिंदवाड़ा पहुंचकर आदिवासियों के आस्था के केंद्र हर्रई ब्लॉक के आंचलकुंड दादा दरबार मंदिर में पूजा-अर्चना का कार्यक्रम था, लेकिन किसी कारणवश यह कार्यक्रम टल गया।
आदिवासी धर्मगुरुओं से मिलने के बाद अमित शाह पुलिस लाइन मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वो भाजपा कार्यालय जाएंगे और फिर हेलीकॉप्टर से नागपुर के लिए रवाना होंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल समेत कई गणमान्य नेता मौजूद रहेंगे।
'छिंदवाड़ा में भाजपा दर्ज करेगी जीत'
केंद्रीय गृह मंत्री के छिंदवाड़ा दौरे को लेकर भाजपा प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि कमलनाथ के 15 महीने के कार्यकाल में उनके काले कारनामों के बारे में छिंदवाड़ा की जनता को पता चल गया है। अमित शाह छिंदवाड़ा पहुंच रहे हैं, इसलिए इस बार भाजपा वहां जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि परिवारवाद की मिसाल नकुलनाथ और कमलनाथ का किला इस बार जरूर ढहेगा।
वहीं, कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि छिंदवाड़ा संसद नहीं जनता की अदालत है। केंद्रीय गृह मंत्री यहां धमकाने पहुंच रहे हैं, लेकिन छिंदवाड़ा की जनता डरने वाली नहीं है। छिंदवाड़ा सीट के चलते भाजपा को बाकी 28 सीटों का भी नुकसान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि पीसीसी प्रमुख कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के हर घर के कल्याण के लिए अपना खून पसीना बहाया है।
माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के साथ-साथ राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की नजर छिंदवाड़ा जिले पर टिकी हुई है। बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को राज्य की एकमात्र सीट छिंदवाड़ा में हार का मुंह देखना पड़ा था। मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं, जिनमें से 28 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी।
कांग्रेस को यहां पर 1997 में मिली थी हार
आजादी के बाद से कांग्रेस ने एकमात्र 1997 में छिंदवाड़ा में लोकसभा सीट गंवाई थी। उस वक्त भाजपा ने सुंदर लाल पटवा को यहां से उम्मीदवार बनाया था, जिन्होंने कमलनाथ को थोड़े समय के लिए हराकर छिंदवाड़ा सीट अपने नाम की थी। साल 1998 में हुए चुनाव में कमलनाथ ने अपनी सीट वापस हासिल कर ली थी और तब से लेकर 2018 तक मुख्यमंत्री बनने तक कोई भी उन्हें मात नहीं दे पाया।
साल 2018 में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के लिए छिंदवाड़ा सीट छोड़ दी थी और 2019 में हुए उपचुनाव में उनके बेटे नकुलनाथ ने विजय हासिल की।