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MP News: पर्यटकों को जंगल का हाल बताकर बाघों की कहानियां सुनाएंगी शक्तिस्वरूपा

Lady Guide इस बारे में मध्‍य प्रदेश की पहली महिला गाइड और गाइड प्रशिक्षक रत्ना सिंह का कहना है कि वाइल्ड लाइफ पर्यटन में महिलाओं का गाइड के रूप में सामने आना वाइल्ड लाइफ पर्यटन के नए युग की शुरुआत है।

By JagranEdited By: Arun kumar SinghPublished: Sun, 25 Sep 2022 04:07 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 04:07 PM (IST)
MP News: पर्यटकों को जंगल का हाल बताकर बाघों की कहानियां सुनाएंगी शक्तिस्वरूपा
शक्तिस्वरूपा महिलाएं बाघों की दहाड़ से पर्यटकों को परिचित कराएंगी

संजय कुमार शर्मा, उमरिया। वन्‍यजीव पर्यटन में अभी तक पुरुष गाइड ही पर्यटकों को जंगल का हाल बताकर बाघों के किस्से सुनाते थे। अब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में शक्तिस्वरूपा महिलाएं बाघों की दहाड़ से पर्यटकों को परिचित कराएंगी, बाघों का इतिहास बताएंगी और उनकी कहानियां सुनाएंगी। इसके लिए रिजर्व क्षेत्र के गांव ताला और आसपास के कई गांवों की 25 महिलाओं ने इस मिथक को नकार दिया है कि वन्‍यजीवों के बीच बहादुरी सिर्फ पुरुष का ही एकाधिकार है।

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अपनों के अविश्वास से पाया पार

यह काम इन महिलाओं के लिए बहुत आसान नहीं था। गाइड गुडि़या सिंह बताती हैं कि उन्होंने जब गाइड बनने की बात अपने घर वालों के सामने रखी तो उन्हें भरोसा ही नहीं हुआ कि गांव की यह साधारण लड़की बाघों के बीच पर्यटकों को गाइड कर सकेगी। घर के लोगों ने कहा कि वह खेत के काम करे और घर देखे, लेकिन गुडि़या ने यह ठान लिया था कि अपनों का भरोसा अपने काम से जीतेंगी और उन्होंने गाइड रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर दिया। इसी तरह का विरोध कई अन्य महिलाओं को भी घर में झेलना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस क्षेत्र में दखल दिया और सफल प्रशिक्षण के बाद अब गाइड के रूप में तैयार हैं।

रत्ना सिंह को बनाया प्रेरणा

बांधवगढ़ में प्रशिक्षण के दौरान मध्यप्रदेश की पहली महिला गाइड और अब गाइड प्रशिक्षक के रूप में अपना अलग स्थान बना चुकीं रत्ना सिंह का जिक्र कई बार प्रशिक्षु महिला गाइडों के सामने आया। प्रशिक्षु महिलाओं को रत्ना सिंह के संघर्ष और उनके काम के बारे में बताया गया जिससे महिलाओं का हौसला और भी बढ़ गया। यही कारण है कि इस प्रशिक्षण के बाद गाइड के रूप में सामने आई महिलाओं का कहना है कि उन्हें काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा, लेकिन वे पीछे नहीं हटीं और महिला गाइड के रूप में अपना करियर शुरू कर रही हैं।

अनुशासन होगा और बेहतर

गाइड के प्रशिक्षण से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि गाइड के रूप में महिलाएं अधिक सफल होंगी क्योंकि उनके बीच अनुशासन ज्यादा रहता है। बांधवगढ़ के फील्ड डायरेक्टर राजीव मिश्रा का कहना है कि महिलाओं को जो लोग इस क्षेत्र के लिए कमजोर समझते हैं, वे भुलावे में हैं। दरअसल महिलाएं जंगल के अनुशासन का ज्यादा बेहतर ढंग से पालन करा सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की बात हर कोई मान लेता है जिससे जंगल के अंदर नियमों के भंग होने की संभावना समाप्त हो जाएगी।

महिला पर्यटकों को सुविधा

जंगल के अंदर महिला गाइड साथ होने से महिला पर्यटकों के लिए भी पर्यटन ज्यादा सुविधाजनक हो जाएगा। पर्यटकों का टूर नियोजित करने वाली वंदना द्विवेदी का कहना है कि महिला गाइड होने से पार्क के अंदर किसी भी आपातकालीन परिस्थति में महिला पर्यटक उनसे सभी तरह की बातें शेयर कर सकेंगी। इससे महिलाओं का मनोबल भी जंगल के अंदर बना रहेगा। साथ ही टूर पर आने वाले बच्चों की देखभाल भी बेहतर ढंग से हो सकेगी।

पर्यटन का नया युग

मध्यप्रदेश की पहली महिला गाइड और गाइड प्रशिक्षक रत्ना सिंह का कहना है कि वाइल्ड लाइफ पर्यटन में महिलाओं का गाइड के रूप में सामने आना वाइल्ड लाइफ पर्यटन के नए युग की शुरुआत है। महिलाएं इस काम को ज्यादा बेहतर ढंग से अंजाम दे सकती हैं। उन्होंने बताया कि वे अब तक कई महिलाओं को प्रशिक्षित कर चुकी हैं और अब तक उनके द्वारा तैयार की गई सभी महिलाओं ने अपने क्षेत्र में बेहतर काम करके दिखाया है।

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