सफेद बाघ की दहाड़ प्रयागराज में भी गूंजेगी, व्हाइट टाइगर सफारी बनाने की तैयारी, देख ली गई जमीन
संगम नगरी के लिए भी एक खुशखबरी आई है। वह दिन दूर नहीं जब प्रयागराज में सफेद शेरों की दहाड़ सुनाई देगी। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार संगम नगरी में मध्य प्रदेश के मुकुंदपुर की तर्ज पर व्हाइट टाइगर सफारी बनाने की तैयारी में है।
प्रयागराज, जेएनएन। देश भर में चीता को लेकर उल्लास व उमंग का माहौल है। इसी बीच संगम नगरी के लिए भी एक खुशखबरी आई है। वह दिन दूर नहीं जब प्रयागराज में सफेद शेरों की दहाड़ सुनाई देगी। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार संगम नगरी में मध्य प्रदेश के रीवा व सतना जिले की सीमा पर स्थित मुकुंदपुर की तर्ज पर व्हाइट टाइगर सफारी बनाने की तैयारी में है।
सफेद बाघों के लिए अनुकूल माना जा रहा है यहां का जलवायु
यमुनापार में बेलन, लपरी और टोंस नदी के संगम के पास खीरी के इटवा क्षेत्र का जलवायु सफेद बाघों के लिए अनुकूल माना जा रहा है। यहां लगभग 40 हेक्टेयर सरकारी जमीन चिह्नित कर ली गई है। सफेद बाघों के साथ रायल बंगाल टाइगर, भालू, चीतल, सांभर आदि इस टाइगर सफारी की शान होंगे। शासन से निर्देश मिलने पर डीएम ने एडीएम प्रशासन व एसडीएम मेजा से जमीन की पूरी जानकारी मांगी है।
टाइगर सफारी के लिए प्रोजेक्ट तैयार करने का निर्देश
डीएम ने वन संरक्षक और डीएफओ को मुकुंदपुर जाकर टाइगर सफारी को लेकर प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैैं। प्रोजेक्ट तैयार करने में मुकुंदपुर टाइगर सफारी के अफसरों की मदद ली जाएगी। प्रस्तावित टाइगर सफारी स्थल के पास प्रदेश का इकलौता ब्लैक बक कंजर्वेशन रिजर्व चांद खमरिया भी है जिसे सरकार ने हाल ही में वन डिस्ट्रिक्ट वन डेस्टिनेशन (ओडीओडी) के तहत चयन किया है। शीघ्र ही काला हिरन संरक्षण केंद्र को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके अलावा मांडा में कछुआ सेंचुरी भी प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि टाइगर रिजर्व और ब्लैक बक रिजर्व पर्यटकों व वन्य जीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे।
डीएम ने यह बताया
शासन के निर्देश पर व्हाइट टाइगर सफारी की कवायद शुरू हुई है। तीन नदियों के तट पर स्थित खीरी क्षेत्र का जलवायु सफेद शेरों के लिए काफी अनुकूल माना जा रहा है। यहां पर व्हाइट टाइगर सफारी बनाने का प्रस्ताव तैयार कराया जाएगा। जल्द वन विभाग के उच्चाधिकारियों की टीम मुकुंदपुर जाएगी।
-संजय कुमार खत्री, जिलाधिकारी प्रयागराज