Move to Jagran APP

Madhya Pradesh Cabinet: मोहन मंत्रिमंडल का नया फॉर्मूला तैयार, तीन बार मंत्री रह चुके नेताओं को नहीं मिलेगी जगह

डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कवायद तेज हो गई है। अलग-अलग स्तर पर मंथन कर मंत्रियों के चयन का फॉर्मूला तैयार कर लिया गया है। भाजपा सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव तक मंत्रिमंडल का आकार छोटा रखे जाने पर सहमति बनी है। दरअसल मार्च में लोकसभा चुनाव की घोषणा संभावित है और पार्टी इसी हिसाब से जमावट में जुट गई है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaPublished: Sat, 16 Dec 2023 10:28 PM (IST)Updated: Sat, 16 Dec 2023 10:28 PM (IST)
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फोटो: एएनआई)

धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। डॉ. मोहन यादव के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कवायद तेज हो गई है। अलग-अलग स्तर पर मंथन कर मंत्रियों के चयन का फॉर्मूला तैयार कर लिया गया है। पार्टी ने दो लाइन स्पष्ट कर दी हैं।

loksabha election banner
  • पहला- मंत्रिमंडल में सभी संसदीय क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व रहेगा।
  • दूसरा- तीन बार मंत्री रह चुके नेताओं को जगह नहीं मिलेगी।

मंत्रिमंडल में कोई कोटा सिस्टम भी नहीं होगा। इसको लेकर तैयारी कर ली गई है। अब इस आधार पर तैयार सूची पर पार्टी शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद रविवार को दिल्ली जा सकते हैं। यदि शीर्ष नेतृत्व के साथ सहमति बन गई तो 18 से 22 दिसंबर के बीच किसी भी दिन नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। 15 से 18 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

यह भी पढ़ें: एमपी में हार के बाद अब लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस, नई साल से नाथ संभालेंगे मोर्चा

लोकसभा क्षेत्र के हिसाब से हो रही जमावट

भाजपा सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव तक मंत्रिमंडल का आकार छोटा रखे जाने पर सहमति बनी है। दरअसल, मार्च में लोकसभा चुनाव की घोषणा संभावित है और पार्टी इसी हिसाब से जमावट में जुट गई है। पार्टी ने 2019 में प्रदेश की 29 संसदीय सीटों में से 28 पर विजय प्राप्त की थी। केवल छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र ऐसा है, जहां कांग्रेस से नकुलनाथ सांसद हैं। पार्टी कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने के लिए लंबे समय से प्रयासरत है। विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को यहां सफलता नहीं मिली। जिले की सात विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार है।

वहीं, प्रदेश में 10 लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें भाजपा को विधानसभा चुनाव-2023 के परिणाम में पराजय मिली है। इनमें मुरैना, भिंड, ग्वालियर, टीकमगढ़, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, रतलाम, धार और खरगोन संसदीय सीट शामिल है।

यह भी पढ़ें: क्या भाजपा अपनाएगी नो रिपीट फॉर्मूला? पूर्व मंत्री बेचैन, 47 नए चेहरों में से 34 बने विधायक

ये हैं तीन बार मंत्री रह चुके विधायक

जयंत मलैया: दमोह से विधायक जयंत मलैया, उमा भारती सरकार के बाद मंत्री बनाए गए थे और 2018 तक मंत्री रहे।

गोपाल भार्गव: वर्ष 2003 से 2018 तक मंत्री रहे। 2019-2020 तक नेता प्रतिपक्ष रहे। अभी विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष हैं।

विजय शाह: वर्ष 2003 में मंत्री बने। बीच का अल्प समय छोड़कर 2023 तक मंत्री रहे।

नारायण सिंह कुशवाह: जातीय आधार पर तीन बार मंत्री रहे। पिछला चुनाव हारने के बाद पुन: जीतकर आए हैं।

अंतर सिंह आर्य: आदिवासी नेता हैं। 2003 से 2018 तक लगातार मंत्री रहे।

अर्चना चिटनीस: 2003 से 2005 तक मंत्री रहीं। 2008-2013 में मंत्री रहीं। फिर 2016- 18 के बीच मंत्री रहीं। कार्यकाल नौ वर्ष से कम मिला।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.