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MP के शहडोल में तीन माह की मासूम को 51 बार गर्म सलाखों से दागा, निमोनिया से थी पीड़ित

Shahdol Girl Died एमपी के शहडोल जिले में निमोनिया के इलाज के नाम पर परिजनों ने तीन माह की बच्ची को लोहे की रोड से दाग दिया। शहडोल में दागना कुप्रथा के चलते पहले भी गई बच्चों की जान जा चुकी है।

By Jagran NewsEdited By: Mahen KhannaSat, 04 Feb 2023 10:00 AM (IST)
MP के शहडोल में तीन माह की मासूम को 51 बार गर्म सलाखों से दागा, निमोनिया से थी पीड़ित
Shahdol Girl Died शहडोल में 3 माह की बच्ची की मौत।

शहडोल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से एक रूह कंपाने वाली घटना सामने आई है। यहां निमोनिया पीड़‍ित तीन माह की बच्ची एक कुप्रथा का शिकार हो गई। दरअसल, निमोनिया के इलाज के लिए परिजनों ने उसे लोहे की रोड से दाग दिया, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। बच्ची सांस लेने में पहले ही तकलीफ महसूस कर रही थी और इस कुप्रथा ने उसको और जख्म दे दिए, जिससे उसकी जान चले गई।

51 बार गर्म रोड से पेट में दागा

दो दिन पहले निमोनिया व सांस लेने में तकलीफ को देखते हुए गांव वालों ने बच्ची को कुप्रथा दागना के तहत लोहे की रोड से दागना शुरू कर दिया। घरवालों ने कुप्रथा के चक्‍कर में मासूस बच्ची को 51 बार गर्म रोड से पेट में दाग दिया। रोड से दागने के कारण बच्ची की एकदम से हालात बिगड़ गई और उसे मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया, जहां उसने इलाज के दौरान दम तौड़ दिया।

जन्म से ही बीमार रहती थी बच्ची

बता दें कि पुरानी बस्ती में रहने वाली तीन माह की बच्ची रुचिता कोल जन्म लेने के बाद से ही बीमार रहती थी। निमोनिया और सांस लेने में दिक्कत के कारण परिवार ने इस कुप्रथा का सहारा लिया। इसके कारण उसकी हालत में तो सुधार नहीं हुआ, बल्कि उसकी जान चले गई। 

कुप्रथा ने कई बच्चों की ली जान

शहडोल में दागना कुप्रथा ने कई बच्चों की जान ले ली है। इस कुप्रथा में इलाज के नाम पर मासूम बच्चों को गर्म लोहे से दागा जाता है। जिसके चलते पहले कुछ बच्चों की मौत भी हो चुकी है। इसको रोकने के लिए प्रशासन ने कई प्रयास किए हैं और बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाया है, लेकिन ऐसे मामले कम नहीं हुए हैं।

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