Madhya Pradesh: विधानसभा चुनाव में बेअसर रही भारत जोड़ो यात्रा, अब 'न्याय यात्रा' में जोर लगाएंगे राहुल गांधी
लोकसभा चुनाव के पहले निकाली जा रही कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा से भले ही मध्य प्रदेश कांग्रेस को अच्छे परिणाम की आस हो लेकिन बीते साल निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा यहां विधानसभा चुनावी परिणाम की दृष्टि से बेअसर रही थी। वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश के जिन 22 विधानसभा क्षेत्रों से भारत जोड़ो यात्रा निकली थी उनमें से 18 सीटों पर पार्टी को पराजय मिली।
वैभव श्रीधर, भोपाल। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के पहले निकाली जा रही कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से भले ही मध्य प्रदेश कांग्रेस को अच्छे परिणाम की आस हो, लेकिन बीते साल निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा यहां विधानसभा चुनावी परिणाम की दृष्टि से बेअसर रही थी।
आदिवासी न्याय सभा
बता दें कि वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश के जिन 22 विधानसभा क्षेत्रों से भारत जोड़ो यात्रा निकली थी, उनमें से 18 सीटों पर पार्टी को पराजय मिली। अब भारत जोड़ो न्याय यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी फिर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास करेंगे। प्रदेश में आदिवासी वर्ग का भरोसा जीतने के लिए शिवपुरी में आदिवासी संवाद होगा तो बदनावर में आदिवासी न्याय सभा को राहुल गांधी संबोधित करेंगे।
MP कब पहुंचेगी भारत जोड़ो न्याय यात्रा?
मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से छह अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। भारत जोड़ो न्याय यात्रा मध्य प्रदेश में दो मार्च को राजस्थान के धौलपुर से प्रवेश करेगी और सात मार्च को फिर राजस्थान पहुंचेगी। इस बार जो मार्ग निर्धारित किया गया है, उसमें ग्वालियर-चंबल और मालवा अंचल की मुरैना, ग्वालियर, गुना, राजगढ़, देवास (एससी), उज्जैन (एससी), धार (एसटी) और रतलाम (एसटी) लोकसभा सीटें आएंगी।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने धार में बढ़त बनाई, तो रतलाम में मुकाबला बराबरी का रहा। शेष सभी लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों में भाजपा काफी आगे रही। मालवा अंचल की कई सीटों पर आदिवासी मतदाता परिणाम प्रभावित करने की स्थिति में हैं। यही कारण है कि राहुल की बड़ी सभा धार जिले के बदनावर में रखी गई है। धार जिले की सात विधानसभा सीटों में से पांच कांग्रेस ने जीती हैं।
47 में से 22 पर कांग्रेस ने किया था कब्जा
सनद रहे कि विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित 47 सीटों में से कांग्रेस 22 सीटें जीतीं। वर्ष 2018 के चुनाव के मुकाबले भी कांग्रेस को आठ सीटों को नुकसान हुआ। भाजपा ने इस बार 24 सीटें जीती हैं। एक सीट अन्य पार्टी ने जीती है।