अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं करने पर फूटा महिला कार्यकर्ता का गुस्सा, पाकिस्तान में न्यायिक व्यवस्था पर उठाए सवाल

लंदन स्थित पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और पाकिस्तान में जस्टिस फॉर माइनॉरिटीज के प्रवक्ता अनिला गुलज़ार ने पाकिस्तान में न्यायिक प्रणाली पर हमला किया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Sat, 12 Sep 2020 08:53 AM (IST) Updated:Sat, 12 Sep 2020 08:53 AM (IST)
अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं करने पर फूटा महिला कार्यकर्ता का गुस्सा,  पाकिस्तान में न्यायिक व्यवस्था पर उठाए सवाल
अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं करने पर फूटा महिला कार्यकर्ता का गुस्सा, पाकिस्तान में न्यायिक व्यवस्था पर उठाए सवाल

लंदन, एएनआइ। लंदन स्थित पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और पाकिस्तान में जस्टिस फॉर माइनॉरिटीज के प्रवक्ता अनिला गुलज़ार ने पाकिस्तान में न्यायिक प्रणाली पर हमला किया है और लाहौर में 37 वर्षीय एक ईसाई व्यक्ति, आसाराम पेरवाज़ को मौत की सजा सुनाई।

उसने कहा कि आसिफ ने इस्लाम में धर्मपरिवर्तन करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण न केवल उसे लाहौर की एक होजरी फैक्ट्री में अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी, बल्कि 2013 में उसके नियोक्ता पर ईश निंदा करने का आरोप लगाया गया।

आसिफ ने अपने पर्यवेक्षक पर पैगंबर मुहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था।नबी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करना पाकिस्तान में अनिवार्य मृत्युदंड का प्रावधान है। गुलजार ने कहा कि ये ट्रम्प-अप आरोप हैं और आसिफ को बरी किया जाना चाहिए।

अनीला गुलज़ार, जो खुद एक ईसाई हैं, जो 30 साल पहले यूके चले गए थे, ने कहा कि भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019) बनाकर पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों का दिल जीत लिया है, जो पाकिस्तान से धार्मिक अल्पसंख्यकों को शरण देने की गारंटी देता है उत्पीड़न का सामना करना।

गुलजार ने कहा कि पाकिस्तान में सताए गए ईसाई अब भारत जा सकते हैं। पाकिस्तान में ईसाई पिछले 70 वर्षों से पीड़ित हैं। मैं एक ईसाई हूं और पिछले 30 वर्षों से ब्रिटेन में रह रहा हूं। खुद को दूसरे धर्म में बदलने की कोई जरूरत नहीं है। आपके पास भारत जाने का अवसर है।

बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान विदेशी महिला के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। दरअसल, देश में  बच्चों के सामने विदेशी महिला का दुष्कर्म किया गया। इस घटना के बाद से देश में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने पीड़ित महिला को ही इस घटना के लिए जिम्मेदार बता दिया। जिसके बाद लोगों का गुस्सा और भी ज्यादा भड़क गया।

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