ब्रिटेन में खाने का संकट, सुपरमार्केट खाली और खाने-पीने की चीजों की भी मारामारी
ब्रिटेन में कोरोना महामारी संकट के साथ अब खाने और ईंधन की आपूर्ति की समस्या भी खड़ी होने लगी है। यहां सुपरमार्केट और खाने पीने की अन्य दुकानों में एक घोषणा के बाद खाने की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
लंदन, रॉयटर्स: ब्रिटेन में कोरोना महामारी संकट के साथ अब खाने और ईंधन की आपूर्ति की समस्या भी खड़ी होने लगी है। यहां सुपरमार्केट और खाने पीने की अन्य दुकानों में एक घोषणा के बाद खाने से जुड़े सामान की किल्लत हो गई है। दरअसल एक आधिकारिक स्वास्थ्य एप से हजारों लोगों तक ये संदेश पहुंचाया गया था कि, अगर वो किसी कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आए हैं, तो खुद को आइसोलेट कर लें। जिसके बाद स्टाफिंग की कमी के चलते रोजमर्रा में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें बाजार से धीरे-धीरे कम होती चली गईं, नतीजन सुपरमार्केट खाली नजर आ रहे हैं।
कोविड-19 संक्रमण के आंकड़ों में उछाल
गौरतलब है कि बीते एक महीने के दौरान ब्रिटेन में संक्रमण के मामलों में बड़ा उछाल दर्ज किया गया है। बुधवार को देश में संक्रमण के 44 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। वहीं देश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का दावा है कि वो इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था को फिर से खोल सकते हैं। क्योंकि मौजूदा वक्त में देश के बहुत सारे लोगों का टीकाकरण पूरा हो चुका है। लेकिन ये दावा एक संदेश के साथ पूरी तरह से खोखला साबित हुआ, जिसमें लोगों को एक एप द्वारा 10 दिनों तक आइसोलेट होने के बारे में कहा गया था।
संक्रमण के कारण लोगों में भय
लोगों के बीच इस तरह का मैसेज पहुंचने के बाद स्टाफिंग में भारी कमी आई है, जिसके चलते खाद्य आपूर्ति, सुपरमार्केट, हॉस्पिटैलिटी, निर्माण और मीडिया जैसे क्षेत्रों में अराजकता फैल गई है। कुछ लोगों ने परेशानी से बचने के लिए अपने फोन से एप को ही हटा दिया है। वहीं, कुछ ब्रिटिश मंत्रियों का कहना है कि,ये एप वायरस के प्रसार का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस एप ने महत्वपूर्ण भूमिकाओं में काम करने वाले कर्मचारियों को अपना काम जारी रखने में मदद भी की है।
टीकाकरण के सकारात्मक परिणाम
जानकारी के मुताबिक, ब्रिटेन में टीकाकरण अभियान बहुत ही तेजी के साथ चल रहा है। देश में अब तक कुल 87फीसदी वयस्कों को टीके का पहला डोज मिल चुका है। वहीं 68फीसदी लोगों का टीकाकरण पूरा हो चुका है। जिसके चलते देश में कोविड-19 संक्रमण के कारण मृत्यु की दर बहुत कम है।