High BP वाले मरीजों के लिए फ्लू के सीजन में कारगर है इन्फ्लूएंजा की वैक्सीन
उच्च रक्तचाप वाले मरीजों का फ्लू के सीजन में टीकाकरण करने से 18 फीसद तक कम हो जाता है मृत्यु का जोखिम।
लंदन, आइएएनएस। मौसम बदलने पर अक्सर लोगों को इन्फ्लूएंजा यानी फ्लू हो जाता है। इससे प्रभावित लोगों की श्वसन नली प्रभावित होती है और उन्हें बुखार, खांसी, जुकाम जैसी बीमारियां जकड़ लेती हैं। अधिकांश मामलों में फ्लू के लक्षण मरीजों में दो सप्ताह तक देखने को मिलते हैं, उचित उपचार से यह बीमारी ठीक हो जाती है, लेकिन कई बार यह जानलेवा भी साबित होती है। एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि बदलते मौसम में हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) वाले मरीज यदि इन्फ्लूएंजा वैक्सीन (टीका) लेते हैं तो उनमें मृत्यु का खतरा 18 फीसद तक कम हो जाता है।
इस अध्ययन के लेखक और डेनमार्क की कोपेहेगन यूनिवर्सिटी के डेनियल मोदिन ने कहा कि टीकाकरण सुरक्षित और सस्ता होने के साथ-साथ आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है और इन्फ्लूएंजा के संक्रमण को कम करता है। इस अध्ययन में यह दावा भी किया गया है कि इससे घातक दिल के दौरे और स्ट्रोक के कारण होने वाली मौत के खतरे को भी कम किया जा सकता है। इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने वर्ष 2007 से लेकर 2016 के दौरान 18 से 100 वर्ष की आयु के 608,452 उच्च रक्तचाप के रोगियों की पहचान करने के लिए डेनमार्क के स्वास्थ्य सेवा रजिस्टरों का उपयोग किया।
फ्लू का सीजन
इन दौरान शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया कि कितने लोगों की इन्फ्लूएंजा के कारण मृत्यु हुई। साथ ही उन्होंने विशेष रूप से हृदय, स्ट्रोक और दिल की बीमारियों के कारण हुई मौत के आंकड़ों को एकत्र किया। इसके बाद उन्होंने यह पता लगाया है कि फ्लू के सीजन से पहले टीकाकरण करवाने और फ्लू के सीजन में मौत के बीच क्या संबंध है। आंकड़ों का विश्लेषण के करने पर शोधकर्ताओं ने पाया कि फ्लू के सीजन से पहले जिन लोगों ने टीकाकरण करवाया था उनमें मौत का जोखिम अन्य के मुकाबले 18 फीसद कम था और हृदय रोग के कारण मृत्यु का खतरा 16 फीसद कम था। साथ ही स्ट्रोक के कारण मौत का जोखिम 10 फीसद कम था।
अध्ययन से पता चलता है कि इन्फ्लूएंजा टीकाकरण उच्च रक्तचाप के रोगियों में हृदय से जुड़ी बीमारियों को ठीक कर सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि जब इन्फ्लूएंजा वायरस शरीर को संक्रमित करता है, तो यह प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है। वैक्सीन इस संक्रमण से लड़ती हैं और शरीर से वायरस को साफ करती है।
हाई ब्लड प्रेशर क्या है?
हाई ब्लड प्रेशर का ही दूसरा नाम हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) है। आपको पता होगा कि हमारे शरीर में मौजूद रक्त नसों में लगातार दौड़ता रहता है और इसी रक्त के माध्यम से शरीर के सभी अंगों तक ऊर्जा और पोषण के लिए जरूरी ऑक्सीजन, ग्लूकोज, विटामिन्स, मिनरल्स आदि पहुंचते हैं। ब्लड प्रेशर उस दबाव को कहते हैं, जो रक्त प्रवाह की वजह से नसों की दीवारों पर पड़ता है।
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण
उच्च रक्तचाप के प्रारंभिक लक्षण में रोगी के सिर के पीछे और गर्दन में दर्द रहने लगता है। कई बार इस तरह की परेशानी को वह नजरअंदाज कर देता है, जो आगे चलकर गंभीर समस्या बन जाती है। आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर के ये लक्षण होते हैं। तनाव होना सिर में दर्द सांसों का तेज चलना और कई बार सांस लेने में तकलीफ होना सीने में दर्द की समस्या आंखों से दिखने में परिवर्तन होना जैसे धुंधला दिखना पेशाब के साथ खून निकलना सिर चकराना थकान और सुस्ती लगना नाक से खून निकलना नींद न आना दिल की धड़कन बढ़ जाना।
हाई ब्लड प्रेशर का इलाज
एल्कोहल से रहें दूर विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादा मात्रा में एल्कोहल का सेवन भी आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है। एल्कोहल के सेवन से वजन बढ़ता है, भविष्य में यह आपके दिल के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है। स्वास्थ्य और रहन-सहन पर ध्यान देकर आप हृदय संबंधी परेशानियों से बच सकते हैं।
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