ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा भारत-चीन के बीच तनातनी अत्यंत गंभीर और चिंताजनक

प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत-चीन के बीच सीमा पर तनातनी को अत्यंत गंभीर और चिंताजनक बताते हुए कहा कि दोनों देशों को बातचीत के जरिए इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Thu, 25 Jun 2020 06:06 PM (IST) Updated:Thu, 25 Jun 2020 06:06 PM (IST)
ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा भारत-चीन के बीच तनातनी अत्यंत गंभीर और चिंताजनक
ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा भारत-चीन के बीच तनातनी अत्यंत गंभीर और चिंताजनक

लंदन, प्रेट्र। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की सीमा पर तनातनी को अत्यंत गंभीर और चिंताजनक बताते हुए कहा कि दोनों देशों को बातचीत के जरिए इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन इस मामले में नजर बनाए हुए हैं।

हाउस ऑफ कॉमन्स में बुधवार को साप्ताहिक प्राइम मिनिस्टर्स क्वेश्चंस के दौरान जॉनसन का यह पहला आधिकारिक बयान आया है। ब्रिटिश पीएम ने कंजरवेटिव पार्टी के सांसद फ्लिक ड्रमंड द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में यह उत्तर दिया।

ड्रमंड ने कहा पूछा था कि एक तरफ एक राष्ट्रमंडल सदस्य और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र वहीं दूसरी ओर एक ऐसा देश है जो लोकतंत्र की हमारी मान्यताओं को चुनौती देता है, इनके बीच टकराव का ब्रिटेन के हितों पर क्या असर होगा।

इस पर जॉनसन ने तनातनी को बहुत गंभीर और चिंताजनक बताते हुए कहा, संभवत: सबसे अच्छी बात मैं कह सकता हूं कि हम दोनों पक्षों को सीमा पर मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

नई दिल्ली में बुधवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों के हटने पर पहले बनी सहमति के शीघ्र कार्यान्वयन तैयार हुए ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति का माहौल सुनिश्चित करने में मदद मिल सके।

दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के तौर-तरीकों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये राजनयिक स्तर पर वार्ता की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की गई और भारतीय पक्ष ने 15 जून को गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प को लेकर अपनी चिंताओं से अवगत कराया। इस झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। 

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