रूसी विदेश मंत्री ने कहा, युद्ध नहीं चाहते लेकिन हितों पर कुठाराघात भी बर्दाश्त नहीं, हम अमेरिका से वार्ता जारी रखेंगे

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रेडियो चैनल से वार्ता में कहा जहां तक रूस की सोच का सवाल है तो हम यूक्रेन से युद्ध नहीं चाहते। लेकिन ऐसा भी नहीं चाहते कि हमारे हितों पर निर्ममता से आघात हो और उनकी अनदेखी की जाए।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 28 Jan 2022 07:25 PM (IST) Updated:Fri, 28 Jan 2022 07:25 PM (IST)
रूसी विदेश मंत्री ने कहा, युद्ध नहीं चाहते लेकिन हितों पर कुठाराघात भी बर्दाश्त नहीं, हम अमेरिका से वार्ता जारी रखेंगे
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (फोटो सोर्स: एएफपी)

मास्को, रायटर। रूस ने शुक्रवार को साफ तौर पर कहा कि वह यूक्रेन से युद्ध नहीं चाहता है लेकिन वह अपने सुरक्षा प्रस्ताव पर ठोस आश्वासन चाहता है। इसके लिए दो हफ्ते बाद एक बार फिर से रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के बीच वार्ता हो सकती है। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर वार्ता की और उन्हें भरोसा दिया कि रूस का हमला होने की स्थिति में उसे नाटो की ओर से कड़ा जवाब दिया जाएगा। बाइडन ने कहा कि यूक्रेन की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अमेरिका पूरा सहयोग देगा।

लावरोव ने कहा, पश्चिमी देश रूस के हितों की लगातार कर रहे थे अनदेखी

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रेडियो चैनल से वार्ता में कहा, जहां तक रूस की सोच का सवाल है तो हम यूक्रेन से युद्ध नहीं चाहते। लेकिन ऐसा भी नहीं चाहते कि हमारे हितों पर निर्ममता से आघात हो और उनकी अनदेखी की जाए। हम सुरक्षा प्रस्ताव के जरिये उन्हीं पर चर्चा करना चाहते हैं। लावरोव ने कहा, पश्चिमी देश रूस के हितों की लगातार अनदेखी कर रहे थे लेकिन बुधवार को लिखित जवाब में उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा पर थोड़ा सा बोला है। यह हमारे लिए संतोष की बात है। इसके आधार पर हम भविष्य में वार्ता जारी रख सकते हैं। रूस ने अमेरिका और नाटो की ओर से आया जवाब तो सार्वजनिक नहीं किया है लेकिन संकेत दिया है कि उसमें हथियार नियंत्रण और विश्वास बढ़ाने वाले उपायों पर बातें कही गई हैं। उन पर रूस को क्या जवाब देना है इस पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन फैसला करेंगे।

इस बीच रूस के निकट सहयोगी बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा है कि उनके देश की युद्ध या टकराव में रुचि नहीं है। इससे तब तक बचा जाएगा जब तक बेलारूस या रूस पर सीधा हमला नहीं होता।

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