पाकिस्तान में भारतीय चैनल के ब्यूरो प्रमुख को अगवा करने की कोशिश

पाकिस्तान में एक भारतीय चैनल के पाकिस्तान ब्यूरो प्रमुख के साथ मारपीट की गई जिसके बाद उसे अगवा करने की भी कोशिश की गई।

By Kishor JoshiEdited By: Publish:Wed, 10 Jan 2018 04:03 PM (IST) Updated:Thu, 11 Jan 2018 10:45 AM (IST)
पाकिस्तान में भारतीय चैनल के ब्यूरो प्रमुख को अगवा करने की कोशिश
पाकिस्तान में भारतीय चैनल के ब्यूरो प्रमुख को अगवा करने की कोशिश

 जेएनएन (नई दिल्ली)। पाकिस्तान में सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने वाले पत्रकारों का जीना किस तरह मुहाल हो गया है, इसका प्रमाण तब फिर मिला जब भारतीय टीवी चैनल 'वर्ल्ड इज वन न्यूज' (WION) के पाकिस्तान ब्यूरो प्रमुख ताहा सिद्दिकी को अगवा करने की कोशिश की गई। उन्हें एयरपोर्ट जाते समय कार से खींचने की कोशिश हुई। वह किसी तरह भागने में सफल तो हो गए, लेकिन इस कोशिश में उनकी जान जाते-जाते बची।

पाकिस्तानी पत्रकारों में मचा हड़कंप

अगवा करने वालों ने उन्हें बुरी तरह पीटा और उनका सामान छीन लिया। चोटिल ताहा ने एक थाने में शरण लेने के बाद सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती सुनाई तो पाकिस्तानी पत्रकारों के बीच हड़कंप मच गया। ध्यान रहे कि वहां पत्रकार, ब्लागर और स्वतंत्र लेखक पहले से सरकारी एजेंसियों समर्थित गुंडों के निशाने पर हैं। इनमें से कई अगवा किए जा चुके हैं और अब तक लापता हैं। ऐसी ज्यादातर घटनाओं के पीछे आईएसआई और सेना समर्थित आतंकी गुटों को हाथ माना जाता है।

एफआईए के गुर्गों को माना गया है जिम्मेदार

कुछ घटनाओं के पीछे पाकिस्तान सरकार की जांच एजेंसी एफआईए के गुर्गों को जिम्मेदार माना गया है। ताहा वही पत्रकार हैं जिन्होंने उऩ पाकिस्तानी पत्रकारों के रवैये की निंदा की थी जिन्होंने कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी से बदसलूकी की थी। माना जाता है कि एफआईए इसी के बाद उन्हें सबक सिखाने की ताक में थी। वह पहले भी ताहा को तंग कर चुकी है।

पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकारों ने ताहा पर हुए हमले की आलोचना की है। जियो न्यूज के संपादक हामिद मीर ने ट्वीट कर कहा है, 'पत्रकार बिरादरी को ताहा सिद्दीकी पर हुए हमले की एक सुर में आलोचना करनी चाहिए।' अलजजीरा के रिपोर्ट असद हाशिम ने ट्वीट कर लिखा है, 'एक पाकिस्तानी पत्रकार ताहा सिद्दीकी को मारा गया और उन्हें धमकी दी गयी। इसके बाद हमलावर फरार हो गए '

पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार सिरिल अलमीड़ा ने ताहा सिद्दीकी की तरफ से ट्वीट करते हुए लिखा, 'आज मैं एयरपोर्ट के लिए जा रहा था सुबह 8.20 मिनट पर 10-12 हथियार बंद लोगों ने मेरी कैब को जबरन रोक लिया और मुझे अगवा करने की कोशिश की। मैं छुपने में कामयाब रहा। फिलहाल में सुरक्षित पुलिस के साथ में हूं। हरसंभव मदद चाहता हूं।'

रावलपिंडी-इस्लामाबाद पत्रकार यूनियन ने की आलोचना

रावलपिंडी इस्लामाबाद पत्रकार यूनियन ने इस हमले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। यूनियन ने इस मामले की जांच के लिए पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसान इकबाल से अपील की है। आपको बता दें कि मई 2017 में सिद्दीकी ने देश की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए इस्लामाबाद हाइकोर्ट में एक रिट पिटीशन दायर की थी। पिटीशन में कहा गया था कि एफआईए ने सिद्दीकी को पूछताछ के लिए अपने मुख्यालय बुलाया और जब सिद्दीकी ने कारण जानना चाहा तो उसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला,लेकिन एफआईए ने इस बात का संकेत दिया कि वह उनकी रिपोर्टिंग को लेकर सवाल-जवाब करना चाहती है। जब सिद्दीकी ने कहा कि उनका काम जनता से जुड़ा हुआ है और वह फोन पर जवाब नहीं दे सकते हैं, तब एफआईए ने सिद्दीकी को धमकी भरे अंदाज में कहा कि वह पूछताछ में शामिल हो जाएं यही उनके लिए 'अच्छा' होगा। 

आपको बता दें कि नवंबर 2017 में जारी हुए वैश्विक प्रेस फ्रीडम सूचकांक में पत्रकारों के लिए पाकिस्तान को सबसे ज्यादा खतरनाक देश माना गया था। 180 देशों की इस सूची में पाकिस्तान को 139वां स्थान मिला था।

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