पाकिस्तान ने पंजशीर घाटी हमले में शामिल होने की खबरों को खारिज किया, दुष्ट प्रचार करार दिया

बयान में कहा गया ये दुर्भावनापूर्ण आरोप पाकिस्तान को बदनाम करने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का एक प्रयास है। प्रवक्ता ने शांतिपूर्ण स्थिर संप्रभु और समृद्ध अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराया। तालिबान विद्रोहियों ने अगस्त के मध्य में अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 01:57 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 01:57 PM (IST)
पाकिस्तान ने पंजशीर घाटी हमले में शामिल होने की खबरों को खारिज किया, दुष्ट प्रचार करार दिया
पाकिस्तान ने पंजशीर घाटी हमले में शामिल होने की खबरों को खारिज किया, दुष्ट प्रचार करार दिया

इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि वह अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में तालिबान के साथ रहकर हमले कर रहा है। पाकिस्तान ने इसे 'दुष्ट प्रचार अभियान' करार दिया है। तालिबान ने सोमवार को कहा कि उन्होंने पिछले महीने अफगानिस्तान में हमले के बाद अंतिम प्रांत पंजशीर घाटी पर कब्जा कर लिया है, जो उनके नियंत्रण में नहीं था।

कुछ रिपोर्टों में CENTCOM के एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना ड्रोन हमलों द्वारा व पाकिस्तानी विशेष बलों से भरे 27 हेलीकाप्टरों के साथ पंजशीर में तालिबान के हमले में सहायता कर रही थी। वहीं, इस पर पाक विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने रात में दिए एक बयान में कहा, 'शरारती रूप से प्रचारित अभियान के रूप में इन आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया जाता है।'

बयान में कहा गया, 'ये दुर्भावनापूर्ण आरोप पाकिस्तान को बदनाम करने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का एक प्रयास है।' प्रवक्ता ने शांतिपूर्ण, स्थिर, संप्रभु और समृद्ध अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराया।

तालिबान विद्रोहियों ने अगस्त के मध्य में अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया और पश्चिम द्वारा समर्थित निर्वाचित नेतृत्व को बाहर कर दिया। तालिबान को अफगानिस्तान में पकड़ मिलने के पीछे अमेरिकी सेना की 20 साल बाद वापसी थी।

बता दें कि पंजशीर, एक ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी घाटी, जहां 150,000 से 200,000 लोग बसे हुए हैं। यह प्रतिरोध का केंद्र रहा है, चाहे 1980 के दशक में अफगानिस्तान सोवियत कब्जे में रहा हो या 1996 और 2001 के बीच तालिबान के शासन की अवधि हो।

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