इमरान के खिलाफ और अक्रामक हुए विपक्षी दल, सरकार के विरोध में पीपीपी के सभी सांसदों ने बिलावल को सौंपे इस्तीफे

विपक्षी संगठन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का इमरान सरकार के खिलाफ अभियान का दूसरा चरण शुरू हो गया है। छह बड़ी रैलियों के बाद अब 27 जनवरी तक देश भर के कई शहरों में बारह से अधिक रैली की जा रही हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sun, 27 Dec 2020 08:27 PM (IST) Updated:Sun, 27 Dec 2020 08:30 PM (IST)
इमरान के खिलाफ और अक्रामक हुए विपक्षी दल, सरकार के विरोध में पीपीपी के सभी सांसदों ने बिलावल को सौंपे इस्तीफे
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और बिलावल भुट्टों की फाइल फोटो

इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान के लरकाना में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की पुण्यतिथि पर विपक्षी दलों ने रैली करते हुए इमरान सरकार को फिर ललकारा। रैली में बिलावल जरदारी भुट्टो के साथ मरयम नवाज सहित कई विपक्षी नेता मौजूद थे। सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के सासंदों ने इस्तीफा देना भी शुरू कर दिया है।

विपक्षी संगठन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का इमरान सरकार के खिलाफ अभियान का दूसरा चरण शुरू हो गया है। छह बड़ी रैलियों के बाद अब 27 जनवरी तक देश भर के कई शहरों में बारह से अधिक रैली की जा रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की 13 वीं पुण्यतिथि पर लरकाना में रैली का आयोजन किया है। यहां पर विपक्षी दल के नेता सभा का संबोधित करने से पहले बेनजीर के समाधि स्थल पर पहुंचे।

बाद में सभा में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) की उपाध्यक्ष मरयम नवाज और पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि हमें इमरान सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए सेना की मदद की जरूरत नहीं है। जनता को यह अच्छी तरह समझना होगा कि इमरान की सरकार चुनी हुई नहीं, यह सेना के सहयोग से बनी अवैध सरकार है। इस सरकार को हटाने के लिए अब हमारे पास जनता की ताकत है। विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधा कि वह सेना की कठपुतली हैं और उसके बिना सरकार नहीं चला सकते।

अब इस्तीफों की घोषणा पीडीएम के मंच से की जाएगी

इधर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता और सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने बताया कि केन्द्र की इमरान सरकार के विरोध में पीपीपी के सभी सांसदों ने अपना इस्तीफा अध्यक्ष को सौंप दिया है। अब इस्तीफों की घोषणा पीडीएम के मंच से की जाएगी।

राजनीतिक विश्लेषक आकिल शाह का मानना है कि देश की जनता सेना के खिलाफ होती जा रही है। देश में राजनीतिक और आर्थिक संकट के लिए जनता सेना को ही जिम्मेदार मानती है। यही कारण है कि विपक्ष की रैलियों में भीड़ जुट रही है।

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