पाकिस्‍तान ने गुलाम कश्मीर को मुल्‍क का हिस्सा नहीं बताने वाली किताबों पर रोक लगाई

पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की सरकार ने 100 से ज्यादा पाठ्य पुस्तकों पर रोक लगा दी है। इन पुस्तकों में गुलाम कश्मीर को पाक के हिस्से के रूप में नहीं दिखाया गया था।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 25 Jul 2020 12:05 AM (IST) Updated:Sat, 25 Jul 2020 12:05 AM (IST)
पाकिस्‍तान ने गुलाम कश्मीर को मुल्‍क का हिस्सा नहीं बताने वाली किताबों पर रोक लगाई
पाकिस्‍तान ने गुलाम कश्मीर को मुल्‍क का हिस्सा नहीं बताने वाली किताबों पर रोक लगाई

लाहौर, पीटीआइ। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की सरकार ने स्कूलों की 100 से ज्यादा पाठ्य पुस्तकों पर रोक लगा दी है। इन पुस्तकों में ईश निंदा समेत कई आपत्तिजनक बातें लिखी पाई गई थीं। कई पुस्तकों में गुलाम कश्मीर को पाकिस्तान के हिस्से के रूप में नहीं दिखाया गया था। इस बात पर सरकार को सख्त एतराज था।

बताया गया है कुछ पाठ्य पुस्तकों में पाकिस्तान के संस्थापक कायदे आजम मुहम्मद अली जिन्ना और राष्ट्र कवि अल्लामा मुहम्मद इकबाल की जन्मतिथि गलत लिखी हुई थी। भारत और पाकिस्तान से संबंधित दो राष्ट्र सिद्धांत को गलत तरीके से परिभाषित किया गया था।

पंजाब के स्कूली शिक्षा संचालित करने वाले बोर्ड के प्रबंध निदेशक राय मंजूर नासिर ने बताया है कि ऐसी दस हजार पुस्तकों से सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ाई हो रही थी। इनकी जांच का काम 30 कमेटियों ने किया। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही पाठ्य पुस्तकों पर रोक लगाई गई है।

जिन पुस्तकों पर रोक लगाई गई है उनमें से ज्यादातर ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज, लिंक इंटरनेशनल पाकिस्तान, पैरागॉन बुक्स प्रेस से प्रकाशित थीं। इन सभी में पाकिस्तान और इस्लाम धर्म को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी पाई गईं। इन सभी पुस्तकों के बाजार से जब्त करने के भी आदेश दे दिए गए हैं।

नासिर ने कहा है कि बच्चों को इस तरह की गलत शिक्षा मंजूर नहीं है। जरूरत पड़ने पर और सख्त कार्रवाई की जाएगी। हाल ही में ब्रिटेन की राजधानी लंदन में पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर के लोगों ने हाथों में हाथ लेकर एक स्वर में भारतीय प्रदर्शनकारियों के साथ भारत का राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम गाया था।

भारत साफ कर चुका है कि समूचा पीओके भारत का हिस्सा है। बीते दिनों भारत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की अनुमति देने को लेकर पाकिस्तान से अपना कड़ा विरोध जताया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि गिलगित और बाल्टिस्तान के क्षेत्रों सहित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।  

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