हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर रोक लगाने के बाद क्‍या पाकिस्‍तान कोविड-19 मरीजों पर करेगा इसका इस्‍तेमाल?

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के अमेरिका में बेहतर नतीजे मिलने के बाद पाकिस्‍तान ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 12 Apr 2020 02:40 PM (IST) Updated:Sun, 12 Apr 2020 02:40 PM (IST)
हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर रोक लगाने के बाद क्‍या पाकिस्‍तान कोविड-19 मरीजों पर करेगा इसका इस्‍तेमाल?
हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर रोक लगाने के बाद क्‍या पाकिस्‍तान कोविड-19 मरीजों पर करेगा इसका इस्‍तेमाल?

इस्‍लामाबाद। कोरोना वायरस के कहर की चपेट में आए पाकिस्तान ने मलेरिया के इलाज में काम आने वाली हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर रोक लगा दी है। ये फैसला अमेरिका में इस दवा के कोरोना मरीजों पर इस्‍तेमाल के बाद आए सकारात्‍मक नतीजे आने के बाद किया गया है। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसको तत्‍काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है। देश में कोविड-19 पर राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसी) जब तक सही समझेगी ये प्रतिबंध जारी रहेगा।

हालांकि इस दवा के कोरोना मरीजों पर कारगरतौर पर इस्‍तेमाल को लेकर कोई पुष्टि नहीं हुई है। न ही विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की तरफ से इस दवा को लेकर कोई निर्देश दिया गया है। मुमकिन है कि पाकिस्‍तान अमेरिका से आने वाली खबरों और कुछ मरीजों के दावों को सही मानते हुए इस तरह का कदम उठाया है। यहां पर एक बड़ा सवाल ये भी उठ रहा है कि क्‍या इस दवा के निर्यात पर रोक लगाने के बाद पाकिस्‍तान इसका प्रयोग कोविड 19 के मरीजों पर करेगा। इसका जवाब फिलहाल पाकिस्‍तान की सरकार नहीं दे रही है। लेकिन उनके उठाए कदमों से इसकी संभावना जरूर जताई जा रही है।

आपको बाद दें कि महज सात दिनों के अंदर यह दूसरा मौका है जब पाकिस्तान सरकार ने मलेरिया रोधी दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। गौरतलब है कि 3 अप्रैल को भी वाणिज्य डिवीजन ने एनसीसी की बैठक के मद्देनजर आदेश जारी किया था जिसमें सभी मलेरिया रोधी दवाओं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की बात कही गई थी। हालांकि इस दौरान कहा गया था कि इस फैसले पर मंत्रिमंडल की मुहर लगने के बाद ही इसको लागू किया जाएगा। डॉन अखबार के मुताबिक मंत्रिमंडल ने छह अप्रैल को हुई अपनी बैठक में प्रतिबंध को मंजूरी दे दी थी। वाणिज्य मंत्रालय ने हालांकि छह अप्रैल को एक अन्य आदेश जारी कर अपने तीन अप्रैल वाले उस आदेश को वापस ले लिया जो प्रतिबंध लगाने से संबंधित था।

आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों में मलेरिया के इस्‍तेमाल में काम आने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की विदेशों में मांग काफी बढ़ी है। भारत ने भी इसका फिलहाल तीन देशों में निर्यात किया है जबकि कुल 16 देशों ने इसकी मांग की है। भारत इस दवा का विश्‍व में सबसे बड़ा निर्माता है। इसके बाद दोबारा इस दवा पर प्रतिबंध को लेकर एक नयी अधिसूचना जारी की गई। इस अधिसूचना पर नौ अप्रैल की तारीख थी। आपको बता दें कि यहां करीब 20 कंपनियां हैं जो मलेरिया रोधी दवाओं का उत्पादन करती हैं।

इसके साथ ही प्राधिकरण ने घरेलू बाजार में भी इन दवाओं के सीमित इस्तेमाल का निर्देश दिया है। सरकार ने दवा विक्रेताओं को सख्‍त निर्देश दिए हैं कि वह बिना डॉक्‍टर की पर्ची के किसी भी मरीज को ये दवा न दें। प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक देश में करीब ढाई करोड़ गोलियां हैं और इन दवाओं के निर्माण के लिये करीब 9000 किलो कच्चा माल बाजार में उपलब्ध है।

आपको बता दें कि पाकिस्‍तान में अब तक 5131 मरीज इसकी चपेट में है।वहीं अब तक 88 मरीजों की इसकी वजह से मौत हो चुकी है और 1026 मरीज ठीक भी हुए हैं। कोरोना के प्रकोप से यहां का पंजाब प्रांत सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। यहां पर 2425 मामले अब तक सामने आ चुके हैं। इसके बाद सिंध में 1411 मामले, बलूचिस्‍तान में 228 मामले, गिलगिट बाल्टिस्‍तान में 216 मामले, इस्‍लामाबाद में 119 मामले और गुलाम कश्‍मीर में 35 मामले सामने आए हैं। यहां पर भी तबलीगी जमात की वजह से मामलों में काफी उछाल आया है।

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