पाकिस्तान पर मंडरा रहा आतंकवाद का मददगार घोषित होने का खतरा

पाकिस्तान ने अपने अंतरिम वित्त मंत्री शमशाद अख्तर को पेरिस में होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक से पहले पेशबंदी के लिए भेजा है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Mon, 25 Jun 2018 10:43 PM (IST) Updated:Tue, 26 Jun 2018 09:07 AM (IST)
पाकिस्तान पर मंडरा रहा आतंकवाद का मददगार घोषित होने का खतरा
पाकिस्तान पर मंडरा रहा आतंकवाद का मददगार घोषित होने का खतरा

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान पर आतंकवाद को आर्थिक मदद मुहैया कराने वाले देशों की सूची में डाले जाने का खतरा मंडरा रहा है। इस खतरे को भांपते हुए पाकिस्तान सरकार ने अपने अंतरिम वित्त मंत्री शमशाद अख्तर को पेरिस में होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक से पहले पेशबंदी के लिए भेजा है।

अंतर सरकारी संस्था एफएटीएफ का गठन 1989 में किया गया था। यह धन को अवैध तरीके से एक देश से दूसरे देश भेजने, आतंकवाद को आर्थिक मदद देने और वैश्विक आर्थिक ढांचे के लिए अन्य खतरनाक तरीकों पर नजर रखता है। आतंकी संगठनों को आर्थिक मदद देने को लेकर पाकिस्तान फिलहाल निगरानी सूची में है। पेरिस में फरवरी में हुई बैठक में उसे इस बाबत चेतावनी दी गई थी।

एफएटीएफ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जून में होने वाली बैठक में पाकिस्तान को लेकर कड़ा फैसला लिया जा सकता है। छह दिवसीय बैठक इसी हफ्ते शुरू होगी। आतंकवाद को मदद मुहैया कराने के कारण पाकिस्तान 2012 से 2015 तक एफएटीएफ की ग्रे सूची में रह चुका है। एफएटीएफ की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है। साथ ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश पर भी विपरीत असर पड़ता है। जुलाई में होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर पाकिस्तान में इस समय कार्यवाहक सरकार कार्य कर रही है। सरकार का नेतृत्व पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश नसीर उल मुल्क कर रहे हैं। 

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